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Himachal Apple Controversy: सेब खरीद को लेकर सीएम और मंत्री का अलग-अलग बयान, किसान और बागवानों में कंफ्यूजन!

सेब बिक्री का मुद्दा सीएम सुक्खू और बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के अलग-अलग बयान देने से और उलझता नजर आ रहा है. जहां सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आढ़तियों के साथ बैठक के बाद सेब वजन या पेटी के हिसाब से खरीद को लेकर सहमति जताई. वहीं, बागवानी मंत्री ने सेब सिर्फ वजन के हिसाब से बेचने को लेकर कड़े निर्देश दिए. जिसकी वजह से अब किसानों और बागवानों कंफ्यूजन में हैं. वहीं, बागवानों ने सीएम के बयान का विरोध किया है. (Himachal Apple Controversy)(Apple purchase dispute in Himachal) (CM Sukhu on Apple purchase)

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Published : Jul 22, 2023, 4:14 PM IST

शिमला:हिमाचल में सेब खरीद का मुद्दा उलझता ही जा रहा है. प्रदेश सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू और इनकी सरकार में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी मंडियों में सेब खरीद को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं. एक ओर जहां बागवानी मंत्री कह रहे हैं कि मंडियों में सेब वजन के हिसाब से ही बिकेगा तो, वहीं दूसरी ओर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कह रहे हैं कि आढ़ती सेब की खरीद वजन या पुरानी व्यवस्था यानी पेटी के हिसाब से खरीद करने को सहमत है. इससे प्रदेश में असमंजस की स्थित पैदा हो गई है. बागवान संगठनों ने मुख्यमंत्री के बयान को आहत करने वाला बताया है और कहा कि बागवान अब सरकार के खिलाफ जल्द आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे.

गौरतलब है कि बीते दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की आढ़तियों के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद आढ़तियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया था. आढ़तियों का साफ कहना था कि मुख्यमंत्री ने उनको दोनों विकल्प सेब बेचने के लिए दिए हैं. आढ़ती वजन के हिसाब से या फिर पुरानी व्यवस्था यानी पेटियों के हिसाब से बागवानों की इच्छा के मुताबिक सेब बेच सकते हैं. हालांकि, आढ़ती वजन के हिसाब से सेब बेचने के लिए तैयार नहीं है और यही वजह है कि पराला मंडी में आढ़तियों के चालान भी किए गए थे. इसके बाद ही आढ़तियों ने हड़ताल की थी, जो मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद वापस ले ली.

वहीं, दूसरी ओर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने फिर से मार्केटिंग बोर्ड और एपीएमसी के अधिकारियों के सख्त निर्देश दिए कि वजन के हिसाब से सेब बेचना सुनिश्चित करें. साथ ही उन्होंने ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और आढ़तियों की लाइसेंस जब्त करने के आदेश भी दिए हैं. इस बीच मुख्यमंत्री का आढ़तियों के साथ हुई बैठक के संबंध में एक अधिकारिक बयान आया है, जो वजन के साथ-साथ पेटियों के हिसाब से सेब बेचने के संबंध में है. इस तरह सेब का यह मसला उलझ गया है.

बागवानों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. प्रदेश में 27 किसान और बागवानों के संगठन संयुक्त किसान मंच ने कहा है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री का बयान आया है, उससे प्रदेश भर के किसान व बागवान आहत हैं. मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने कहा आढ़तियों के साथ बैठक के बाद सीएम के बयान से प्रदेश का किसान व बागवान आहात हुआ है. इससे बागवान के बीच असमंजस की परिस्थिति पैदा हो गई है. इसका नतीजा है कि आज कुछ आढ़ती आज सरकार के एपीएमसी (APMC) कानून के प्रावधान के तहत वजन के हिसाब से सेब व अन्य फलों को नहीं बेच रहे हैं. ये आढ़ती पहले की व्यव्स्था के मुताबिक पेटी के हिसाब से खुलेआम सेब की बोली लगा रहे हैं.

संयुक्त किसान मंच के नेताओं ने कहा कि बागवानी मंत्री ने इस बैठक के बाद साफ किया है कि सेब मंडियों में सरकार की अधिसूचना के अनुसार किलो के हिसाब से ही बेचा जाएगा. यही नहीं मंत्री ने अधिकारियों को इस बारे में सख्त हिदायतें भीं दी और कहा कि नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा संयुक्त किसान मंच बागवानी मंत्री के बयान का स्वागत करता है. प्रदेश के बागवान जगत सिंह नेगी के इसके लिए आभारी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के बयान से आहत है.

मंच के नेताओं ने कहा कि बागवान यह महसूस कर रहा है कि बागवानी मंत्री उनके साथ चट्टान की तरह खड़े हैं, लेकिन मुख्यमंत्री बागवानों के हितों को दरकिनार कर आढ़तियों के साथ खड़े होकर उनके हितों की रक्षा कर रहे हैं. मंच ने साफ किया है कि इस मसले को लेकर जल्द ही एक बैठक बुलाई जाएगी जिसमें आंदोलन की रणनीति तैयार होगी.

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