शिमला:हिमाचल में सेब खरीद का मुद्दा उलझता ही जा रहा है. प्रदेश सरकार के मुखिया सुखविंदर सिंह सुक्खू और इनकी सरकार में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी मंडियों में सेब खरीद को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं. एक ओर जहां बागवानी मंत्री कह रहे हैं कि मंडियों में सेब वजन के हिसाब से ही बिकेगा तो, वहीं दूसरी ओर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कह रहे हैं कि आढ़ती सेब की खरीद वजन या पुरानी व्यवस्था यानी पेटी के हिसाब से खरीद करने को सहमत है. इससे प्रदेश में असमंजस की स्थित पैदा हो गई है. बागवान संगठनों ने मुख्यमंत्री के बयान को आहत करने वाला बताया है और कहा कि बागवान अब सरकार के खिलाफ जल्द आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे.
गौरतलब है कि बीते दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की आढ़तियों के साथ बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद आढ़तियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया था. आढ़तियों का साफ कहना था कि मुख्यमंत्री ने उनको दोनों विकल्प सेब बेचने के लिए दिए हैं. आढ़ती वजन के हिसाब से या फिर पुरानी व्यवस्था यानी पेटियों के हिसाब से बागवानों की इच्छा के मुताबिक सेब बेच सकते हैं. हालांकि, आढ़ती वजन के हिसाब से सेब बेचने के लिए तैयार नहीं है और यही वजह है कि पराला मंडी में आढ़तियों के चालान भी किए गए थे. इसके बाद ही आढ़तियों ने हड़ताल की थी, जो मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद वापस ले ली.
वहीं, दूसरी ओर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने फिर से मार्केटिंग बोर्ड और एपीएमसी के अधिकारियों के सख्त निर्देश दिए कि वजन के हिसाब से सेब बेचना सुनिश्चित करें. साथ ही उन्होंने ऐसा न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने और आढ़तियों की लाइसेंस जब्त करने के आदेश भी दिए हैं. इस बीच मुख्यमंत्री का आढ़तियों के साथ हुई बैठक के संबंध में एक अधिकारिक बयान आया है, जो वजन के साथ-साथ पेटियों के हिसाब से सेब बेचने के संबंध में है. इस तरह सेब का यह मसला उलझ गया है.