शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश भर में आउटसोर्स आधार पर नियुक्त कर्मचारी न तो नियमित होंगे और न ही उन्हें अनुबंध पर लाया जा सकेगा. उनके लिए आरक्षण रोस्टर भी लागू नहीं होगा. सीएम जयराम ने कहा कि राज्य सरकार झूठ बोलकर ऐसे कर्मचारियों की भावनाओं से नहीं खेलेगी.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में पीटीए पर तैनात शिक्षकों को झूठे वादे किए थे. जबकि अब भाजपा सरकार ने पीटीए को सम्मानजनक स्थिति में पहुंचाया है, लेकिन आउटसोर्स कर्मियों के मामले में सरकार के हाथ बंधे हुए हैं. सीएम जयराम ठाकुर ने ये जानकारी कांग्रेस विधायकों मोहन लाल ब्राक्टा, मुकेश अग्निहोत्री और विक्रमादित्य सिंह के संयुक्त सवाल के जवाब में दी.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ये जरूर सुनिश्चित करेगी कि आउटसोर्स कर्मियों का शोषण न हो. शिकायत आने पर कंपनियों पर कार्रवाई भी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कर्मचारी सरकार के नहीं हैं, उनकी नियुक्ति कंपनियों के माध्यम से हुई है. मुख्यमंत्री ने पीटीए शिक्षकों के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और कहा कि आउटसोर्स कर्मियों के मामले में सरकार के हाथ बंधे हैं.
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इससे पहले मूल सवाल के जवाब में सीएम ने बताया कि आउटसोर्स कर्मियों पर सालाना 153 करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट खर्च होता है. इसमें से कंपनियां अपने लिए 23 करोड़ रुपये रखती हैं. कुल 130 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्मचारियों को वेतन के तौर पर मिलते हैं. अनुपूरक सवाल में विधायक राकेश पठानिया ने जानना चाहा कि क्या सरकार ऐसे कर्मचारियों को सरकारी सेवा में कोई बैनेफिट देगी. इस पर सीएम ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारी सरकारी सेवा में नौकरियां निकलने पर आवेदन कर सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से उन्हें कोई बैनेफिट नहीं दिया जा सकता.
मुकेश अग्निहोत्री ने इन कर्मियों के शोषण का मामला उठाया. उन्होंने सरकार से इनके लिए कोई नीति बनाने की भी मांग की. विधायक विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदार घोषित किए गए प्रेम कुमार धूमल ने आउटसोर्स कर्मियों को नियमित करने की बात कही थी. जवाब में सीएम ने ऐसे किसी वादे की जानकारी से इनकार किया और कहा कि शोषण तो पीटीए का कांग्रेस सरकार के समय में हुआ था.
अपने ही मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई रीता धीमान
इंदौरा की विधायक रीता धीमान अपने ही मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई. उन्होंने इंदौरा विधानसभा क्षेत्र के मंड इलाके को नो-माइनिंग जोन घोषित करने से जुड़ा सवाल उठाया था. उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि मंड को नो-माइनिंग जोन घोषित करने का कोई विचार नहीं है. रीता धीमान ने कहा कि वे मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं है. मंड में कई स्टोन क्रशर चल रहे हैं और खनन का ये सिलसिला जारी रहा तो ये इलाका बर्बाद हो जाएगा.
रीता धीमान ने कहा कि उनकी जानकारी के अनुसार 30 और क्रशर लगाने की अनुमति दी गई है. जवाब में बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि कोई नया क्रशर लगाने की इजाजत नहीं दी गई है. कुल 16 में से 9 क्रशर चल रहे हैं और सात बंद हैं. मंड इलाके में अगर खनन रोक दिया जाएगा तो पौंग बांध नजदीक होने के कारण ये डूब जाएगा. नियमों की परिधि में वैज्ञानिक खनन सुनिश्चित किया जाएगा. वहीं, राकेश पठानिया ने कहा कि इलाके में कांग्रेस नेताओं के क्रशर चल रहे हैं और उनके पास सूची है. यहां अवैध खनन भी हो रहा है. हालांकि, उन्होंने उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह की तारीफ की और कहा कि मंत्री की सख्ती से अवैध खनन में 70 फीसदी कमी आई है.
विधायक राजेश ठाकुर ने कहा कि मंड इलाके में खनन के लिए अलग से सड़क होनी चाहिए. ग्रामीणों के सामने खराब सड़कों की समस्या है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि क्रशर के लिए अलग से सड़क हो ताकि रेत व अन्य सामग्री ले जाने में आम आवागमन वाली सड़कें प्रभावित न हों.
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