शिमला: पहली बार हिमाचल के मुख्यमंत्री बने जयराम ठाकुर के कार्यकाल को तीन साल पूरे हो चुके हैं. दिसंबर 2017 में भाजपा सत्ता में आई और जयराम ठाकुर को प्रदेश का नेतृत्व करने का मौका मिला. अब शनिवार 6 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने कार्यकाल का चौथा बजट पेश करेंगे. ऐसे में ये जानना दिलचस्प रहेगा कि उनका पहला बजट कैसा था और उसमें क्या घोषणाएं थीं.
सीएम का पहला बजट टैक्स फ्री था और उसमें 32 नई घोषणाएं की गई थीं. जयराम ठाकुर ने अपना पहला बजट 9 मार्च 2018 को प्रस्तुत किया था. उसमें 28 नई योजनाओं का ऐलान किया गया था. कुल 32 नई घोषणाएं थीं. रोचक बात ये है कि उनके बजट भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविताओं के अंश भी शामिल थे. साथ ही उन्होंने बजट भाषण के दौरान 22 अश्आर भी पढ़े थे.
जयराम ठाकुर का पहला बजट 41,440 करोड़ रुपए का था. इसका अधिकांश हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और पेंशनर्स की पेंशन के अलावा कर्ज की अदायगी में ही गया. पहला बजट पूर्व की वीरभद्र सिंह सरकार के आखिरी बजट के आकार से 5657 करोड़ रुपए अधिक का था. तब की स्थिति आंकड़ों के लिहाज से देखी जाए तो पहले बजट के 41, 440 करोड़ रुपए में से 11263 करोड़ रुपए तो सरकारी कर्मियों के वेतन पर ही खर्च होने थे. इसके अलावा पेंशन पर सरकार को 5893 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े. पहले बजट के अनुसार जयराम सरकार को पहले से लिए गए कर्ज के ब्याज की अदायगी पर 4260 करोड़ रुपए देने पड़े.
पहले बजट में रखा था गांव, गाय, गरीब का ख्याल
अपने पहले ही बजट में सीएम जयराम ने हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ पेश किया. मुख्य रूप से ये गांव, गाय, किसान-बागवान व रोजगार के साधन उपलब्ध करवाने पर केंद्रित बजट था. किसानों को बिजली पर 25 पैसे प्रति यूनिट उपदान दिया गया तो एंटीहेल गन पर बागवानों को 60 फीसदी तक उपदान की घोषणा की गई थी. स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने व युवाओं को स्वरोजगार के साधन उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना घोषित की गई थी. जयराम सरकार के पहले बजट में युवतियों, महिलाओं को निजी उद्यम के लिए प्रोत्साहित करने के लिए निवेश पर 30 प्रतिशत उपदान रखा गया था. जयराम सरकार ने तत्कालीन वित्तीय वर्ष में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए 77 करोड़ रुपए तय किए थे. पहले बजट में 49 हजार 500 बेरोजगार युवाओं को रोजगार संबंधी कौशल के लिए एशियन विकास बैंक द्वारा पोषित कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से 65 हजार युवाओं को कौशल प्रदान कर रोजगार देने की कोशिश थी.
बजट में कर्मचारियों को मिले थे तोहफे
पहले बजट में सीएम जयराम ठाकुर ने नियमित सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों को उनके मूल वेतन, मूल पेंशन पर 1 जुलाई 2017 से 4 प्रतिशत अतिरिक्त अंतरिम सहायता दी थी. इससे कर्मचारियों को 260 करोड़ रुपए का वित्तीय लाभ हुआ. ये अंतरिम राहत भविष्य में होने वाले वेतन पेंशन संशोधन में समायोजित की गई थी. अनुबंध कर्मचारियों को वेतन में मूल प्लस ग्रेड पे तथा ग्रेड पे का 75 प्रतिशत दिया जाता था. सीएम जयराम ठाकुर ने बजट भाषण में 2018-19 में अनुबंध कर्मचारियों को मूल वेतन व ग्रेड पे का दोगुना वेतन के तौर पर देने का वादा निभाया. दिहाड़ीदारों को राहत देते हुए उनकी दिहाड़ी 210 से बढ़ाकर 225 रुपए की गई. जयराम सरकार कर्मियों के आवास निर्माण के लिए 65 करोड़ रुपए, रख-रखाव के लिए 25 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान दिया.
ये थी पहले बजट की खास बातें
- हिमाचल परिवहन निगम को बजट में 300 करोड़.
- सैलानियों के लिए ऑनलाइन टैक्स जैसे ग्रीन टैक्स जमा करने के लिए प्रावधान.
- 9040 करोड़ की लगात से 70 नेशनल हाईवे निर्माण की घोषणा.
- प्रदेश में 2500 किलोमीटर नई पक्की सडकों के निर्माण का इरादा.
- लोक निर्माण विभाग को 4082 करोड़ रुपए का बजट.
- स्मॉल और मीडियम स्केल इंडस्ट्री पर पांच वर्ष के लिए नए उद्योग को विद्युत शुल्क पर छूट.
- पन बिजली नीति में संशोधन का ऐलान किया था, इसके लिए तीन महीने में नई पालिसी आएगी.
- चयनित कुछ शहरों में 24 घंटे पानी का वादा. इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च करने का ऐलान किया था.
- आईपीएच विभाग के लिए बजट में 2000 करोड़ रूपये का प्रावधान.
- हाइड्रो स्कीम लगाने के लिए ऑनलाइन मॉनीटरिंग प्रणाली हिम प्रगति शुरू करने का ऐलान. चंबा के बढोह और सिरमौर के नौहराधार में व्हाइट सीमेंट प्लांट का वादा.
- हेली टेक्सी सेवा का वादा, धार्मिक पर्यटन स्थलों को सुविधाजनक बनाएंगे. 100 करोड़ रुपए से धार्मिक सर्किट बनाने का ऐलान.
- प्रति बोतल शराब बिक्री पर एक रुपए सेस और उसे गोवंश के संरक्षण पर खर्च करने का वादा. ये राशि गोवंश कल्याण के लिए दी गई.
- गौसेवा आयोग के गठन की घोषणा. बाद में इसे पूरा किया गया.
- हिमाचल प्रदेश धार्मिक संस्थान तथा मंदिर न्यास अधिनियम में संशोधन करके, चढ़ावे का 15 फीसद गौ सदनों पर खर्च.
- विधायक क्षेत्र विकास निधि की राशि 1.10 करोड़ से बढ़कर 1.25 करोड़ होगी. विधायकों की विवेक अनुदान राशि 7 लाख हुई.
- नई ई-स्टांपिंग योजना की घोषणा. 5 लाख से अधिक की निविदाओं का ई प्रोक्यूरमेंट.
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