शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष की ओर से कोरोना महामारी के निपटने में हुए कुप्रबंधन, व्याप्त भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर लाए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की. इस दौरान जवाब के दौरान विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि अगर ये लोग सरकार में होते तो कोराना संक्रमण के दौरान लूट मचाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. इनके हाथ से मौका छूट गया.
इसलिए इनके खून के आंसू निकल रहे हैं. ये इसलिए निकल रहे हैं कि इन्हें लूट का मौका नहीं मिल रहा है. कांग्रेस की सरकार न देश में है न प्रदेश में. ऐसे में इन्होंने सोचा कि कांग्रेस आलाकमान के पास पैसा है. वहां से पैसा लूटा जाए व इन्होंने पार्टी को 12 करोड़ का बिल भेज दिया कि इन्होंने कोरोना के दौरान प्रदेश में 12 करोड़ खर्च किया है. जयराम ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है, जो अपनी पार्टी को नहीं छोड़ते वो दूसरों को क्या छोड़ेंगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान इनकी ओर से कोई सुझाव नहीं आए और अब ये सदन के वेल में बैठ कर तालियां बजा रहे हैं. इनके पास न तथ्य थे न मसौदा था और न ही अध्ययन करके आए थे. उन्होंने कहा कि वह अब जनता के बीच जाएंगे व कांग्रेस की काली करतूतों को लेकर इन्हें जनता के बीच बेनकाब करेंगे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कांग्रेस विधायकों की ओर वेल में की जा रही नारेबाजी के बीच जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को नकाब उतारना पड़ेगा.
1312 करोड़ के राजस्व में गिरावट
कोरोना महामारी के दौरान ठप पड़े तमाम कोराबार की वजह से प्रदेश के खजाने को अपने संसाधानों से होने वाली आय में 1312 करोड़ रुपए की गिरावट हुई है. यह गिरावट पिछले साल के दौरान इसी अवधि के राजस्व से 30 फीसद कम है.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष की ओर से कोरोना महामारी के निपटने में हुए कुप्रबंधन, व्याप्त भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर लाए स्थगन प्रस्ताव पर हुए चर्चा के जवाब के दौरान ये खुलासा किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच महीनों में राज्य को 994 करोड़ के कर राजस्व व 317 गैर कर राजस्व में गिरावट दर्ज हुई है. उनहोंने कहा कि हर तरह की प्राप्तियों में कमी आई है.