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सीएम का कांग्रेस पर निशाना, कहा: जो अपनी पार्टी को नहीं छोड़ते...दूसरों को क्या छोड़ेंगे

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष की ओर से कोरोना महामारी के निपटने में हुए कुप्रबंधन, व्याप्त भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर लाए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जवाब देते विपक्ष को आड़े हाथों लिया. साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राजस्व घाटे और कोरोना से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया.

cm jairam
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Published : Sep 9, 2020, 11:45 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष की ओर से कोरोना महामारी के निपटने में हुए कुप्रबंधन, व्याप्त भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर लाए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की. इस दौरान जवाब के दौरान विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि अगर ये लोग सरकार में होते तो कोराना संक्रमण के दौरान लूट मचाते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. इनके हाथ से मौका छूट गया.

इसलिए इनके खून के आंसू निकल रहे हैं. ये इसलिए निकल रहे हैं कि इन्हें लूट का मौका नहीं मिल रहा है. कांग्रेस की सरकार न देश में है न प्रदेश में. ऐसे में इन्होंने सोचा कि कांग्रेस आलाकमान के पास पैसा है. वहां से पैसा लूटा जाए व इन्होंने पार्टी को 12 करोड़ का बिल भेज दिया कि इन्होंने कोरोना के दौरान प्रदेश में 12 करोड़ खर्च किया है. जयराम ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है, जो अपनी पार्टी को नहीं छोड़ते वो दूसरों को क्या छोड़ेंगे.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान इनकी ओर से कोई सुझाव नहीं आए और अब ये सदन के वेल में बैठ कर तालियां बजा रहे हैं. इनके पास न तथ्य थे न मसौदा था और न ही अध्ययन करके आए थे. उन्होंने कहा कि वह अब जनता के बीच जाएंगे व कांग्रेस की काली करतूतों को लेकर इन्हें जनता के बीच बेनकाब करेंगे. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कांग्रेस विधायकों की ओर वेल में की जा रही नारेबाजी के बीच जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को नकाब उतारना पड़ेगा.

1312 करोड़ के राजस्व में गिरावट

कोरोना महामारी के दौरान ठप पड़े तमाम कोराबार की वजह से प्रदेश के खजाने को अपने संसाधानों से होने वाली आय में 1312 करोड़ रुपए की गिरावट हुई है. यह गिरावट पिछले साल के दौरान इसी अवधि के राजस्व से 30 फीसद कम है.

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विपक्ष की ओर से कोरोना महामारी के निपटने में हुए कुप्रबंधन, व्याप्त भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर लाए स्थगन प्रस्ताव पर हुए चर्चा के जवाब के दौरान ये खुलासा किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच महीनों में राज्य को 994 करोड़ के कर राजस्व व 317 गैर कर राजस्व में गिरावट दर्ज हुई है. उनहोंने कहा कि हर तरह की प्राप्तियों में कमी आई है.

इस अवधि में सरकार ने पांच सौ करोड़ रुपए का कर्ज भी लिया है और पिछली सरकारों की ओर लिए कर्ज के 2285 करोड़ रुपए का कर्ज चुकता भी किया है. उन्होंने कहा कि इन पांच महीनों ने सरकार पांच सौ करोड़ का कर्ज लिया है, जबकि पिछले साल इस अवधि में 11 सौ करोड़ का कर्ज लिया गया था.

इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार से प्रदेश को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पांच सौ करोड़ दिए गए है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के वितीय संसाधनों की स्थिति बहुत अलग हैराजस्वों के लिए प्रदेश को केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता है. राजस्व का 70 फीसद केंद्र से आता व राज्य का योगदान 30 फीसद ही है.

हिमाचल 25वें स्थान पर

सीएम जयराम ने चर्चा के जवाब में कोरोना से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया व कहा कि जब कोरोना महामारी के मामले प्रदेश में आए थे, तो प्रदेश टेस्टिंग की सुवधिा कतई नहीं थी लेकिन आज पांच हजार टेस्ट की क्षमता हो गई है.

मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि कोरोना के मामलों में हिमाचल 25 वें स्थान पर है. ये इसलिए संभव हुआ है क्योंकि सरकार ने बेहतर कदम उठाए. उन्होंने प्रदेश के मामलों की दूसरे राज्यों से भी तुलना की और कहा कि प्रदेश की स्थिति पंजाब व चंडीगढ़ से कहीं बेहतर है. दूसरे राज्यों में अगर कोई पॉजिटिव आ जाए तो कोई पूछताछ नहीं है, लेकिन प्रदेश में पॉजिटिव आने के बाद सरकारी एंबुलेंस मरीज के घर से अस्पताल या कोविड केयर केंद्र ले जाती है और इलाज के बाद घर छोड़ती है.

सारा खर्च सरकार वहन करती है. उन्होंने दावा किया कि बाकी राज्यों में संस्थागत क्वांरटीन की व्यवस्था नहीं है, लेकिन हिमाचल में ये व्यवस्था अभी भी जारी है व तमाम खर्च सरकार उठाती है. यही नहीं कोराना महामारी से पहले प्रदेश में 60 वेंटिलेटर थे, लेकिन अब प्रदेश में 640 वेंटिलेटर हो गए हैं. इनमें से पांच सौ वेटिलेटर केंद्र ने दिए है, इसके अलावा मरीज में ऑक्सीजन का स्‍तर जानने के लिए केंद्र की ओर से पांच सौ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी मुहैया कराए गए हैं.

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