शिमला: कोरोना वायरस के संकट के दौर में हिमाचल प्रदेश ने पड़ोसी राज्यों और देश के कई बड़े राज्यों की तुलना में इस महामारी को नियंत्रित करने की सफलता हासिल की है. लाॅकडाउन के दौरान राहत कार्यों के बीच कोरोना संक्रमित मामलों की रिकवरी में भी हिमाचल ने पूरे देश में खुद को अव्वल साबित किया है.
शनिवार शाम तक प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 656 मामले आए हैं, जिनमें से 405 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. इलाज की ये दर 62 प्रतिशत है और बेहतर उपचार दर वाले अन्य प्रदेशों के बराबर है.
प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक छह लोगों की जान गई है. यह सभी लोग देश के अन्य भागों से वापिस आए थे और गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला 19 मार्च को सामने आया था. सरकार के बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन से चार मई को प्रदेश कोरोना मुक्त होने वाला था.
बाहरी राज्यों से आए लोगों के बाद लगातार बढ़े कोरोना के मामले
इसी बीच राज्य सरकार की ओर से अपनाए गए मानवीय दृष्टिकोण और प्रभावी निर्णय के परिणामस्वरूप लगभग दो लाख हिमाचलवासियों को दूसरे राज्यों से वापस लाया गया. दूसरे राज्यों से लोगों के वापस आने के बाद ही कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है.
बाहरी राज्यों से आए लोगों का क्वारंटाइन मानदंडों के तहत रखी जा रही है निगरानी
कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ ही क्वारंटाइन मानदंडों के अनुसार ही दूसरे राज्यों से वापस आए लोगों को उनके घर भेजा जा रहा है. अप्रवासी हिमाचलवासियों और अप्रवासी श्रमिकों को प्रदेश में 14 दिन का क्वारंटाइन अवधि का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है. इससे कोरोना के संभावित कम्युनिटी ट्रांसफर को रोकने में मदद मिल रही है.