शिमला: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक पर हिमाचल के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने ज्ञापन सौंपा. इस अवसर पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पीएमत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर में एक जनसभा (pm modi ferozepur visit ) को संबोधित करने वाले थे, लेकिन वे सभा स्थल तक नहीं पहुंच सके, क्योंकि रास्ते में पंजाब सरकार द्वारा संरक्षित उपद्रवियों एवं तथाकथित किसान संगठनों ने सुनियोजित ढंग से रास्ते को अवरुद्ध (PM Modi Security Breach ) कर दिया था. इस दौरान प्रधानमंत्री के काफिला को लगभग 20 मिनट तक एक फ्लाईओवर पर रुकना पड़ा, जोकि उनकी सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक एवं उनके खिलाफ सोची समझी साजिश का स्पष्ट प्रमाण है. देश के इतिहास में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक अब से पहले कहीं पर भी और कभी भी नहीं देखी गई है.
सीएम जयराम ने कहा कि पंजाब राज्य में कांग्रेस पार्टी की सरकार है और ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान उनकी सम्पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार की थी, लेकिन पंजाब राज्य की कांग्रेस सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने में पूरी तरह नाकाम रही, जिसके कारण प्रधानमंत्री की जान जोखिम में पड़ गई. कई महत्वपूर्ण तथ्यों एवं दस्तावेजों से यह बात सामने आई है कि यह कांग्रेस सरकार की घोर लापरवाही है, जोकि उनके केंद्रीय नेतृत्व के ईशारे पर हुई है. इससे पूर्व भी भारत ने दो पूर्व प्रधानमंत्री सुरक्षा व्यवस्था में चूक के कारण खोए हैं और पंजाब सरकार की ओर से जानबूझकर की गई इस लापरवाही के कारण एक बार फिर देश के प्रधानमंत्री की जान को खतरा पैदा हो गया. कांग्रेस सरकार की इस घोर लापरवाही की पूरे राष्ट्र में पूरजोर निंदा हो रही है और लोगों में आक्रोश है कि कैसे कोई सरकार प्रधानमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कर सकती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन इतिहास में काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा, जब कांग्रेस के खूनी मंसूबे पंजाब की पवित्र भूमि पर विफल हो गए. देश ने आज तक न तो आतंकवाद के सबसे बुरे दौर में और न ही आतंक प्रभावित क्षेत्रों में ऐसी स्थिति का सामना किया है. भारत के इतिहास में किसी भी राज्य के पुलिस बल को प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को पटरी से उतारने के निर्देश नहीं दिए गए थे और न ही किसी राज्य सरकार ने देश के प्रधानमंत्री को चोट पहुंचाने की साजिश रची थी. यह जो कुछ भी हुआ सोची समझी साजिश के तहत हुआ है.
प्रधानमंत्री के काफिले के रूट की पूरी सुरक्षा व्यवस्था पंजाब पुलिस द्वारा की गई थी और प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार भी थी. पंजाब पुलिस ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा अधिकारियों को भी आश्वस्त किया था कि मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित है फिर पंजाब पुलिस के डीजीपी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा टीम को रास्ते के बारे में झूठी जानकारी एवं आश्वासन क्यों दिया और किसके कहने पर दिया, यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है.