शिमला:हिमाचल प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां शत-प्रतिशत घरों में एलपीजी गैस कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना के लाभार्थियों से बातचीत करते हुए यह बात कही.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पारंपरिक चूल्हे के लिए लकड़ियां एकत्रित करना और खाना बनाना न केवल कष्टदायी था, बल्कि इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा था. ईंधन की लकड़ी के लिए लाखों पेड़ों के कटान के कारण पर्यावरण भी प्रभावित होता है. इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की परिकल्पना की जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना से प्रदेश के 1.36 लाख परिवार लाभान्वित हुए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के करोड़ों लोगों ने स्वेच्छा से अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ी है. इस योजना का लाखों परिवारों को लाभ मिला, लेकिन प्रदेश के बहुत से परिवार इसका लाभ नहीं उठा पा रहे थे जिसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना आरम्भ करने का निर्णय लिया. इस योजना के अंतर्गत 2,76,243 परिवारों को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं.
जयराम ठाकुर ने कहा कि इससे महिलाओं को रसोई गैस के धुएं के दुष्प्रभाव से निजात मिली है और साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिली है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने हमारे संवाद के तौर-तरीकों को भी बदल दिया है. उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वे अन्य राज्यों से आए होम-क्वारन्टाइन लोगों पर भी नजर रखें, ताकि वह क्वांरटीन नियमों का उल्लघंन न करें. इससे समुदायिक स्तर पर संक्रमण के फैलाव को रोकने में मदद मिलेगी.
इस योजना के विभिन्न लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है. इस योजना को आरंभ करने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. जिला बिलासपुर की ब्यासा देवी, बालीचैकी की चिंता देवी, भरमौर की मीनू ठाकुर, जिला कांगड़ा की कामिनी देवी, जिला कुल्लू की मीना देवी, जिला सिरमौर की गुलनास, जिला लाहौल-स्पीति की दीपिका, जिला शिमला की श्रेष्ठा, जिला हमीरपुर की सोनिया देवी और जिला ऊना की सरोज बाला ने मुख्यमंत्री से अपने अनुभव सांझा किए.
अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार ने कहा कि यह योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है, क्योंकि अब उन्हें लकड़ी इकट्ठा करने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं है. इस अवसर पर योजना के संबंध में निदेशक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति आबिद हुसैन सादिक ने प्रस्तुति दी.
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