शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मुकेश अग्निहोत्री असहज और अस्त-व्यस्त लग रहे हैं. धर्मशाला में शीतकालीन सत्र को लेकर मुकेश अग्निहोत्री क्या हासिल करना चाह रहे हैं ये बात अभी तक समझ नहीं आई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 12वीं विधानसभा के छठे सत्र के दौरान जो 6 अगस्त से 29 अगस्त तक मॉनसून सत्र 2014 में नोटिफाइड किया गया था. सत्र शुरू हुआ और 5 बैठकें हुई. इस सत्र में 16 बैठकें होनी थी. 12 अगस्त 2014 को अचानक मुख्यमंत्री सदन में खड़े होते हैं और कहते हैं कि अध्यक्ष महोदय इस सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर देना चाहिए.
हमारे पास कोई बिजनेस ट्रांजेक्शन के लिए नहीं है जबकि सत्र के दौरान विपक्ष के सदस्यों के प्रश्न लगे हुए थे. इसके अलावा सत्ता पक्ष के सदस्यों के प्रश्न भी लगे हुए थे और ये सत्र बीच में ही स्थगित कर दिया गया.
हिमाचल के इतिहास में यह पहली बार हुआ जब विधानसभा का चला हुआ सत्र बिना कारण से स्थगित कर दिया गया हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि गौर करने की बात है उस वक्त के संसदीय कार्य मंत्री मुकेश अग्निहोत्री थे. जो कि आजकल विपक्ष के नेता हैं. उन्होंने ही विधानसभा में प्रस्ताव लाया और कहा कि सरकार इस सत्र को यहीं अनिश्चितकाल के लिए समाप्त करना चाहती है.