शिमलाः प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों के भत्ते बढ़ाने पर जयराम सरकार का हर तरफ से विरोध किया जा रहा है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है. भत्ते वापस लेने का फैसला विधायकों पर निर्भर है. विधायकों की सहमति से ही यह फैसला लिया गया था. विधायक विधानसभा में कुछ, बाहर जाकर कुछ और बयान दे रहे हैं. ये सही नहीं है.
ऐसे में अगर विधायकों को यह भत्ते नहीं चाहिए तो विधायक लिखित रूप में उन्हें यह दे सकते हैं. बाद में इस पर विचार किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि आज कल सब हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं जिसका हम अभिनंदन करते हैं.
यात्रा भत्ते पर बोले मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रेम कुमार धूमल के बयान पर भी अपना जवाब देते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है कि इस तरह के भत्ते बढ़ाए गए हैं. धूमल और वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में भी वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी की गई थी. केवल विधायकों के आग्रह पर ही यात्रा भत्ते बढ़ाए हैं. इस पर विधायकों को आपत्ति है तो वह मुख्यमंत्री को लिखित में दें और बाद में इस पर कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि जयराम सरकार ने विधानसभा के मानसून सत्र में मंत्री और विधायकों की यात्रा भत्ता बढ़ा दिए थे। यात्रा भत्ते बढ़ाने के बाद इसका चौतरफा विरोध शुरू हो गया है। समाजसेवियों के द्वारा इसका विरोध किया जा रहा है और विधायकों को गरीब विधायक बता कर चंदा भी एकत्रित किया जा रहा है.
ये भी पढे़ं -मंत्री 'जी' को नहीं यात्रा भत्ता बढ़ने की जानकारी! कहा: बताओ कौन से भत्ता बढ़ा है...ये हल्ला बंद करो
ये भी पढे़ं -'विधायकों की गरीबी हटाओ अभियान': यात्रा भत्ता बढ़ाने के विरोध में सड़कों पर कटोरा लेकर उतरे लोग