शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्रीय बजट 2020-21 को आकांक्षी भारत, आर्थिक विकास और सामाजिक समरसता के तीन विचारों पर आधारित ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हुए इसकी सराहना की है. उन्होंने कहा कि इस बजट से समाज के सभी वर्गों की आशाएं और आकाक्षाएं पूर्ण होंगी.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बजट में किसानों की आय को बढ़ाने के लिए 16 व्यवहार्य प्रस्तावों की सराहना की. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 90 प्रतिशत जनता ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और कृषि उनका मुख्य व्यवसाय है, इसलिए यह 16 प्रस्ताव राज्य के किसानों की आर्थिकी को सशक्त बनाने में अहम् भूमिका निभाएंगे.
उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा, बल्कि इससे किसानों, बेरोजगार युवाओं और आम आदमी का आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बजट से समग्र विकास सुनिश्चित होगा, जिससे जन साधारण का विश्वास और भी बढ़ेगा.
उन्होंने कहा कि बजट में नई शिक्षा नीति से राष्ट्र को विश्व गुरू के रूप में अपनी पुरानी ख्याति को पुनः प्राप्त करने में मदद मिलेगी. शिक्षा के क्षेत्र के लिए बजट में 99,312 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि गरीब छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से डिग्री प्रदान करने के प्रस्ताव से समाज के वंचित वर्गों के छात्रों को बिना किसी बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
मुख्यमंत्री ने राज्य स्तर पर बिना किसी विलंब के निवेश को आकर्षित करने के लिए 'इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस सेल' के गठन के प्रस्ताव की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि इससे सरकार के राज्य में अधिक निवेश आकर्षित करने के प्रयासों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भावी उद्यमियों के साथ एक लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापनों पर पहले ही हस्ताक्षर किए हैं.