शिमला:राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ(peterhoff shimla) में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता सीएम जयराम ने की. बैठक में सीएम ने कोरोना के चलते एमसीएच का निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही सीएम ने स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माण में हो रही देरी पर भी चिंता जाहिर की है.
सीएम जयराम ने कहा कि कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए निर्माणधीन मातृ एवं शिशु अस्पताल(MCH) सहायक सिद्ध हो सकते हैं. इनका निर्माण कार्य जल्द पूरा किए जाए. छोटा राज्य होने के बावजूद प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में छः चिकित्सा महाविद्यालय और एक एम्स(AIIMS) कार्यशील है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री और वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने प्रदेश के लिए 10 मातृ एवं शिशु अस्पताल स्वीकृत किए थे. इन सभी अस्पतालों के कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए.
मंडी में 27 करोड़ से बन रहा एमसीएच विंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल मण्डी में 27 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तरों की क्षमता वाला एमसीएच विंग बनाया जा रहा है. इसका काम अगले दो माह के भीतर पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में 20 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तरों की क्षमता वाला एमसीएच विंग और राजेन्द्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में एमसीएच विंग का काम इस वर्ष दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को नागरिक अस्पताल नूरपुर, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन तथा डॉ. यशवन्त सिंह परमार राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नाहन में एमसीएच विंग का कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर पूर्ण करने के निर्देश भी दिए.
स्वास्थ्य संस्थानों के निर्माणा में तेजी लाने के निर्देश
उन्होंने कहा कि 319.53 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय चम्बा के निर्माण कार्य में तेजी लाई जानी चाहिए. यह कार्य 31 अगस्त, 2022 तक पूरा हो जाना चाहिए. डॉ. राधाकृष्णन राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय हमीरपुर के निर्माण कार्य में भी तेजी लाई जानी चाहिए, इसके लिए 355 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है.
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