शिमला: प्रदेश सरकार की ओर से विश्वविद्यालय को 115 करोड़ का बजट इस वर्ष के लिए दिया गया है. इस बार बीजेपी सरकार की ओर से मात्र 5 करोड़ की वृद्धि ही एचपीयू के बजट में की गई थी, लेकिन एचपीयू प्रशासन लगातार ये मांग उठा रहा था कि एचपीयू के बजट में बढ़ोतरी सरकार की ओर से की जाए जिससे कि एचपीयू का वित्तीय संकट दूर हो सके.
विश्वविद्यालय की स्थापना दिवस पर एचपीयू के कुलपति सिकंदर कुमार ने एक बार फिर से मंच से सीएम जयराम के समक्ष बजट में बढ़ोतरी की मांग को रखा, जिसे पूरा करते हुए सीएम ने एचपीयू के सभागार में एचपीयू को 15 करोड़ की अतिरिक्त वित्तीय सहायता देने की घोषणा की. सीएम ने कहा कि एचपीयू मांग कर रहा है कि एचपीयू के बजट को 150 करोड़ किया जाए जिसे आगामी बजट में सरकार देखेगी, लेकिन अभी विश्वविद्यालय की जरूरतों को देखते हुए 15 करोड़ की अतिरिक्त वित्तीय सहायता एचपीयू को प्रदान की जाती है जिससे कि अब एचपीयू का बजट बढ़कर 130 करोड़ हो गया है.
सीएम जयराम ने कहा कि एचपीयू अपनी वित्तीय स्वयत्तता की बहाली की मांग कर रहा है, लेकिन एचपीयू के फैसलों से सरकार को अलग नहीं किया जा सकता है. विश्वविद्यालय को पूरा अधिकार है कि वो अपने तरीके से काम करे और उसमें सरकार का कोई दखल नहीं होगा. एचपीयू के विकास के लिए सरकार एचपीयू के साथ मिलकर काम करेगी.
सीएम ने एचपीयू कुलपति को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय के परिसर को वाईफाई से लैस करने के साथ ही घनाहट्टी कैंपस के नए परिसर की स्थापना के साथ अन्य गतिविधियों के विस्तार के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी. एचपीयू के परीसर के विस्तार के लिए एक सही प्लानिंग का होना जरूरी है. इस दौरान मुख्यमंत्री में राज्य के युवाओं में नशीली दवाओं के सेवन के प्रति बढ़ती लत पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षकों से भी आगे आने की अपील की.