शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बिलासपुर सदर के भाजपा मंडल, ऊना जिले के चिंतपूर्णी भाजपा मंडल और कुल्लू जिले के बंजार भाजपा मंडल की वर्चुअल रैलियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता खबरों में बने रहने के लिए राज्य सरकार पर निराधार और झूठे आरोप लगा रहे हैं. राज्य में भ्रष्टाचार के लिए कोई स्थान नहीं है और सरकार दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेगी.
सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि देश और प्रदेश के लोग भाग्यशाली हैं कि संकट के इस समय में देश का मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में एक मजबूत नेतृत्व मौजूद है. यह प्रधानमंत्री के समयबद्ध और त्वरित निर्णय के कारण ही सम्भव हुआ कि भारत में मृत्यु की संख्या लगभग 9100 है, जबकि 142 करोड़ की जनसंख्या वाले दुनिया के लगभग 15 सबसे गंभीर रूप से प्रभावित देशों में लगभग 4.30 लाख मौतें दर्ज की गई. उन्होंने कहा कि हिमाचल में कोरोना के लगभग 186 सक्रिय मामले हैं और स्थिति भी नियंत्रण में हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण विकास की गति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. सरकार प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. राज्य सरकार ने अर्थव्यवस्था के पुनरूत्थान के लिए मंत्रिमंडल उप समिति और टास्क फोर्स का गठन किया है. जयराम ठाकुर ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने साल 2014 में, पहली बार देश के प्रधानमंत्री बनने पर डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया. यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता के कारण ही सम्भव हो पाया कि कोरोना महामारी के वर्तमान समय में भी, हम आधुनिक तकनीक के माध्यम से एक-दूसरे से सम्पर्क बनाए रखने में सक्षम हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी कोरोना वायरस से निपटने के लिए हिमाचल सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की है. राज्य सरकार की पहल को एक स्वतंत्र एजेंसी ने भी स्वीकार किया है. राज्य के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सभी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति संस्थागत क्वारंटाइन या होम क्वारंटाइन के अन्तर्गत थे. वहीं, दूसरे राज्यों से आने वाले किसी भी व्यक्ति को घर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जरूरतमंदों को राहत देने और देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लगभग दो लाख लोगों को वापस लाने पर लगभग 15 करोड़ रुपये व्यय किए है.