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प्रदेश में बनेंगे क्लस्टर स्कूल, विभाग ने शुरू की प्रक्रिया

स्कूलों को क्लस्टर बनाने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग की ओर से शुरू की जा रही है. स्कूल क्लस्टर बनने से जहां छात्रों को सुविधाएं प्राप्त होंगी, वहीं शिक्षकों की कमी भी पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगी. जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी उनमें क्लस्टर स्कूल से शिक्षक भेजे जाएंगे. इसके साथ ही स्कूल क्लस्टर बनाने से स्कूलों में जो सुविधाएं होंगी उनका आदान-प्रदान होगा और सभी छात्रों को उसका लाभ मिल सकेगा.

School cluste
स्कूल क्लस्टर

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Published : Mar 2, 2021, 9:13 AM IST

शिमला:स्कूलों को क्लस्टर बनाने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग की ओर से शुरू की जा रही है. इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों से 15 मार्च तक क्लस्टर स्कूलों की जानकारी भी मांगी है. जानकारी मिलने के बाद विभाग सरकार से मंजूरी लेकर स्कूल क्लस्टरों की अधिसूचना करेगा. यह स्कूल क्लस्टर प्रदेश में हर 5 किलोमीटर के दायरे में बनाए जाएंगे, जिसमें एक वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के इर्द-गिर्द स्थित सभी सरकारी प्राथमिक स्कूल,उच्च स्कूल और मिडिल स्कूल का क्लस्टर बनाया जाएगा.

पढ़ाई में नहीं आएगी बाधा

स्कूल क्लस्टर बनने से जहां छात्रों को सुविधाएं प्राप्त होंगी, वहीं शिक्षकों की कमी भी पढ़ाई में बाधा नहीं बनेगी. जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमी होगी उनमें क्लस्टर स्कूल से शिक्षक भेजे जाएंगे. इसके साथ ही स्कूल क्लस्टर बनाने से स्कूलों में जो सुविधाएं होंगी उनका आदान-प्रदान होगा और सभी छात्रों को उसका लाभ मिल सकेगा.

स्कूलों में व्यावसायिक विषयों के साथ ही कंप्यूटर शिक्षा, कला, संगीत, खेल के साथ ही पुस्तकालय विज्ञान लैब, कंप्यूटर लैब, खेल मैदान जैसी सुविधाओं को साझा करने के साथ ही शिक्षा से जुड़ी हर एक तरह की प्रतियोगिताएं, खेल गतिविधियां और अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन और तैयारियां एक साथ करने के साथ ही विषय से जुड़े हुए शिक्षकों का भी आदान प्रदान किया जाएगा.

पहले की तरह रहेगी व्यवस्था

बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी स्कूल क्लस्टर बनाने का प्रावधान किया गया है, जिसमें आसपास के स्कूलों में आपस में परस्पर सहयोग और संसाधनों का साझाकरण करने की बात कही गई है. 4 से 12 स्कूलों को जोड़कर एक स्कूल क्लस्टर स्कूल बनाया जाएगा. एक क्लस्टर स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 200 से 2 हजार के बीच में रहेगी. स्कूल क्लस्टर प्रबंध समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें हर पाठशाला के प्रमुख/वरिष्ठ शिक्षक को शामिल किया जाएगा. वहीं स्कूल प्रबंधन समिति की व्यवस्था पहले की तरह ही रहेगी.

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