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मौसम की मार! सूखे का फसलों पर दिखने लगा असर, कई जगहों पर नहीं हुई मटर की बुआई

Climate Change In Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में बाढ़ का तांडव तो आप सब ने देखा. वहीं, अब कम बारिश होने के चलते सूखा पड़ गया है. बता दें कि कई जगहों पर तो किसान मटर की बुआई तक नहीं कर पाए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 7, 2024, 6:03 PM IST

Climate Change In Himachal Pradesh
हिमाचल में सूखे जैसे हालात.

करसोग/शिमला:हिमाचल प्रदेश में सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम बारिश न होने का असर रबी सीजन फसलों पर दिखने लगा है. सूखे की वजह से गेहूं की ग्रोथ नहीं हो रही है. कई स्थानों में बारिश न होने से किसान मटर की बुआई नहीं कर पाए हैं. कृषि विभाग ने रबी सीजन में खाद्यान्न और दलहन उत्पादन के लिए 6 लाख 87 हजार मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा था. हिमाचल प्रदेश में मौसम की मार से किसान और बागवान मासूस है. सर्दियों के मौसम में सामान्य से कम हुई बारिश का असर गेहूं की ग्रोथ पर दिखने लगा है. जमीन में नमी न होने से कई जगहों पर तो किसान मटर की बुआई तक नहीं कर पाए हैं.

इसी तरह से बागवानों को भी बारिश और बर्फबारी न होने से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स भी पूरे न होने की चिंता सताने लगी है. जिसका असर आने वाले समय में सेब की पैदावार पर पड़ सकता है. बारिश न होने से रबी सीजन के लिए निर्धारित उत्पादन के लक्ष्य पर भी सूखे का असर पड़ सकता है. मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से जारी आंकड़े को देखें तो जनवरी महीने में अभी तक किसी भी जिले में बारिश नहीं हुई है. वहीं, प्रदेश में 7 जनवरी तक सामान्य बारिश का आंकड़ा 12.3 फीसदी का है. ऐसे में इस महीने अभी तक सामान्य से 100 फीसदी कम बारिश हुई है. पिछले महीने दिसंबर में भी सामान्य से बहुत कम बारिश हुई थी.

6 लाख 87 हजार मिट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य:प्रदेश में रबी सीजन में खाद्यान्न और दलहन की बुआई के लिए 3 लाख 56 हजार हेक्टेयर भूमि लक्ष्य तय किया गया है. जिससे कृषि विभाग ने 6 लाख 87 हजार मिट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें सबसे अधिक 3 लाख 24 हजार भूमि में गेहूं की बुआई होनी है. जिससे 6 लाख 20 हजार मिट्रिक टन गेहूं उत्पादन होने की अनुमान लगाया गया है. इसी तरह से 12 हजार हेक्टेयर भूमि में मटर की बुआई किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है. जिससे 36 हजार मिट्रिक टन पैदावार होने का अनुमान जताया गया है. प्रदेश में 19 हजार हेक्टेयर भूमि पर जौ की बुआई के लिए निर्धारित की गई है. जिससे इस बार 30 हजार मिट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. इसके अतिरिक्त व्यवसायिक फसलों जैसे आलू की बुआई 4 हजार हेक्टेयर भूमि पर की जानी है. जिसके लिएhimachal weather news 52 हजार मीट्रिक टन आलू के उत्पादन का लक्ष्य तय किया गया है. रबी सीजन में सब्जियों की बुआई के लिए 36 हजार हेक्टेयर भूमि का लक्ष्य रखा गया है.

10 जनवरी को बारिश और बर्फबारी की संभावना:शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि जनवरी महीने में अभी तक बारिश नहीं हुई है. पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से 10 जनवरी को प्रदेश में कुछेक स्थानों पर हल्की बारिश और बर्फबारी की संभावना है. इसके बाद सामान्य तौर पर मौसम साफ रहेगा.

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