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रामपुर में सीटू ने किया प्रदर्शन, कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा की मांग

सीटू ने प्रदर्शन के दौरान कोरोना से सुरक्षा देने वालों को सरकार की तरफ से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण व बीमा मुहैया करवाया जाने की मांग की गई. साथ ही ड्यूटी पर रहते हुए संक्रमित हुए सभी लोगों के लिए न्यूनतम पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग की.

CITU protest in Rampur
रामपुर में सीटू ने किया प्रदर्शन

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Published : May 14, 2020, 9:31 PM IST

रामपुर/शिमला: सीटू समन्वय समिति रामपुर ने सीटू की राष्ट्रीय कमेटी के आह्वान पर रामपुर में सीटू से सम्बंधित सभी यूनियनों ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया.

इन यूनियनों में ह्यडल प्रोजेक्ट की यूनियनें, दीपक प्रोजेक्ट यूनियन, आउटसोर्स, मनरेगा, निर्माण, आंगनबाड़ी, मिड डे मील व अडानी एग्री फ्रेश वर्कर यूनियन के मजदूरों ने अपनी अपनी जगह पर फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए एकजुटता बैज पहनकर/बैनर/तख्तियां दिखा कर प्रदर्शन किया.

सीटू क्षेत्रीय समन्वय समिति के संयोजक नरेंद्र देष्टा व नील दत्त शर्मा ने कहा कि आज कोरोना के फ्रंटलाइन वर्कर्स की सुरक्षा के लिए मांग दिवस मनाया गया. इस दौरान कोरोना से सुरक्षा देने वालों को सरकार की तरफ से पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण व बीमा मुहैया करवाया जाने की मांग की गई.

उन्होंने कहा कि आज प्रवासी श्रमिकों के संकट और विभिन्न सरकारों द्वारा श्रमिक वर्ग के अधिकारों पर हमले के मुद्दों के साथ-साथ, देश में ट्रेड यूनियन आंदोलन 'कोरोना योद्धाओं' की सुरक्षा एक और गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है. देश में कोरोना के मामलों में वृद्धि हो रही है. फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड -19 से संक्रमित होने और इसके शिकार होने के मामले भी खतरनाक रूप से बढ़ रहे हैं. यह मुख्य रूप से सुरक्षा गियर की कमी के कारण है.

सरकार के अनुसार, तीन दिन पहले, अब तक 548 डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ संक्रमित हैं. इसमें आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, और एनएचएम कर्मचारी, वार्ड बॉय, स्वच्छता कार्यकर्ता, सुरक्षा गार्ड, लैब अटेंडेंट, चपरासी, कपड़े धोने और रसोई कर्मचारी आदि जैसे क्षेत्र के कार्यकर्ता शामिल हैं.

नरेंद्र देष्टा ल नील दत्त शर्मा ने कहा कि हमें हर रोज फील्ड वर्कर्स- आशा, आंगनबाड़ी वर्कर्स के संक्रमित होने की रिपोर्ट मिल रही है. श्रमिकों के कई मामलों में ड्यूटी पर उनकी मौत भी हो गई. साथ ही पुलिसकर्मियों के उपचार से वंचित होने की रिपोर्ट मिलती है. महाराष्ट्र सरकार के अनुसार राज्य में 487 पुलिस व्यक्ति संक्रमित हैं.

उन्होंने कहा कि बर्तनों से ताली बजाना और फूलों की बौछार करना कुछ लोगों के लिए प्रतीकात्मक सम्मान और प्रशंसा हो सकती है, लेकिन जीवन के लिए उनकी लड़ाई में वास्तविक कोरोना योद्धाओं की मदद करने में थोड़ी मदद करेगा.

आज सीटू से संबंधित सभी यूनियन के श्रमिकों / कर्मचारियों और लोगों ने वे सभी संभावित तरीकों से फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के लिए एकजुटता बैज पहनकर / बैनर / तख्तियां आदि दिखा कर, अपनी मांगों के समर्थन में, अपने-अपने दरवाजे, कार्यस्थलों पर, जहाँ भी मजदूर हैं

सीटू ने प्रदर्शन के दौरान मांग की है.

1. सभी फ्रंटलाइन श्रमिकों के लिए सुरक्षा गियर, पीपीई उन लोगों के लिए जो कंट्रीब्यूशन एरिया और रेड जोन में लगे हुए हैं.

2. सभी फ्रंटलाइन श्रमिकों के लिए लगातार, यादृच्छिक और मुक्त कोविड परीक्षण.

3. ड्यूटी पर सभी मौतों को कवर करने वाले सभी फ्रंटलाइन श्रमिकों को पचास लाख रुपये का बीमा कवर; पूरे परिवार के लिए कोविड-19 के उपचार का भी कवरेज.

4. कोविड-19 ड्यूटी में लगे सभी अनुबंध और योजना श्रमिकों के लिए प्रति माह 25,000 रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन.

5. ड्यूटी पर रहते हुए संक्रमित हुए सभी लोगों के लिए न्यूनतम पांच लाख रुपये का मुआवजा

6. सभी जरूरतमंदों को मुफ्त राशन/भोजन

7. सभी गैर-आयकर देने वाले परिवारों के लिए रु .7500

8. सभी प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन, वित्तीय सहायता और सुरक्षित मार्ग.

9. 8 से 12 घंटे काम के घंटे की कोई वृद्धि नहीं.

11. श्रम कानूनों के निरस्तीकरण के आदेश को वापिस लो.

वहीं, सीटू ने सभी मजदूरों व संबंधित यूनियनों से आने वाले दिनों में अधिकारों और आजीविका पर हमले के खिलाफ शक्तिशाली संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया है.

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