शिमला: किसान आंदोलन के समर्थन में सीटू ने शुक्रवार को शिमला में प्रदर्शन किया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. सीटू ने डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया. सीटू प्रदेश अधयक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि किसान आंदोलन से स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों का समर्थन कर रही है. केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों के हक में नहीं है. किसानों की फसलों को कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिए विदेशी, देशी कंपनियों और बड़ी पूंजीपतियों के हवाले करने की साजिश रची जा रही है.
किसान आंदोलन के समर्थन में सीटू का प्रदर्शन, DC ऑफिस के बाहर दिया धरना - हिमाचल न्यूज
सीटू ने डीसी ऑफिस के बाहर धरना प्रदर्शन किया. सीटू प्रदेश अधयक्ष विजेंद्र मेहरा ने बताया कि किसान आंदोलन से स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार पूंजीपतियों का समर्थन कर रही है.
इन कानूनों से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा को समाप्त कर दिया जाएगा. आवश्यक वस्तु अधिनियम के कानून को खत्म करने से जमाखोरी,कालाबाजारी व मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. इससे बाजार में खाद्य पदार्थों की बनावटी कमी पैदा होगी व खाद्य पदार्थ महंगे हो जाएंगे.
कृषि कानूनों के बदलाव से बड़े पूंजीपतियों और देशी-विदेशी कंपनियों का कृषि पर कब्जा हो जाएगा और किसानों की हालत दयनीय हो जाएगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नए कानूनों से एपीएमसी जैसे कृषि संस्थाएं बर्बाद हो जाएंगी, न्यूनतम समर्थन मूल्य की अवधारणा खत्म हो जाएगी, कृषि उत्पादों की कालाबाज़ारी, जमाखोरी व मुनाफाखोरी होगी. इसकी मार किसानों के साथ आम जनता को झेलनी पड़ेगी. वहीं, सीटू आठ दिसंबर को भारत बंद का समर्थन करेंगे.