शिमला: राजधानी शिमला में विशेष न्यायाधीश राजेश चौहान ने चिट्टा तस्करी मामले में आरोपी कृष्ण, पूजा, सीमा और धर्मा को दोषी मानते हुए 10 साल कठोर कारावास और 1 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. वहीं, जुर्माने की राशि अदा न कर पाने की स्थिति में आरोपियों को 3 महीने की सामान्य सजा भी काटनी होगी.
मामला साल 2019 का है. जब शिमला सदर थाने की पुलिस ने पेट्रोलिंग के दौरान स्थानीय बस अड्डे में शाम करीब 6:45 बजे गुप्त सूचना के आधार पर आरोपियों को धर दबोचा था. आरोपियों के पास से शिमला पुलिस ने मौके से 378 ग्राम चिट्टा बरामद किया था. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके, सदन थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. कोर्ट में पूरी सुनवाई के दौरान 38 गवाहों को सुना गया और इस दौरान सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई.
गौरतलब है कि इससे पहले मंगलवार को भी विशेष न्यायाधीश भूपेश शर्मा की अदालत में चरस तस्करी मामले में आरोपी सुखदेव को दोषी करार देते हुए 4 साल कठोर कारावास और 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही जुर्माने की राशि अदा न करने की स्थिति में आरोपी को 3 महीने की सामान्य जेल की सजा भी भुगतनी होगी. मामले में साल 2022 में सदर थाना के तहत कृष्णा नगर में रूटीन चेकिंग के दौरान लाल पानी बाईपास की तरफ से आ रहे व्यक्ति सुखराम ने पुलिस को देखते हुए डर कर कुछ पैकेट फेंक दिया.
पुलिस ने जब शक के आधार पर फेंके हुए सामान की जांच की तो इस पैकेट से करीब 330 ग्राम चरस बरामद की गई. शिमला पुलिस ने आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया और आरोपी को अदालत में पेश किया गया. जहां पर सुनवाई के दौरान 13 गवाहों के बयान के आधार पर अदालत ने आरोपी को चरस तस्करी मामले में दोषी करार देते हुए सुखराम को 4 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. आरोपी सुखराम सिरमौर जिला के ददाहू के के रहने वाला है.
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