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एक दिन के लिए बच्चे बनेंगे CM और स्पीकर, 12 जून को हिमाचल विधानसभा में होगा बाल सत्र - Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh Narayan

हिमाचल विधानसभा में 12 जून को विश्व बाल श्रम दिवस पर बाल सत्र का आयोजन किया जा रहा है. इसमें देशभर से 'बच्चों की सरकार कैसी हो' अभियान के तहत 68 बच्चों का चयन किया गया है. ये जानकारी विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने दी.

Children session in Himachal Assembly on 12 June 2023.
12 जून को हिमाचल विधानसभा में बाल सत्र आयोजित.

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Published : Jun 1, 2023, 6:32 PM IST

12 जून को हिमाचल विधानसभा में बाल सत्र आयोजित.

शिमला: विश्व बाल श्रम दिवस पर 12 जून को हिमाचल विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन होगा. इसमें 68 बच्चे एक दिन के लिए जनप्रतिनिधि की भूमिका में नजर आएंगे. ये बाल प्रतिनिधि एक दिन के लिये राज्य के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं सदस्यों की भूमिका में नजर आएंगे. और विधानसभा में विशेष सत्र का संचालन करेंगे.

'बच्चों की सरकार कैसी हो' अभियान के तहत बच्चों का चयन: विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बाल सत्र की जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल बाल मेला द्वारा आयोजित इस सत्र में देश भर के 68 बच्चे राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज दुनिया के सामने रखेंगे. उन्होंने बताया कि इसमें ज्यादातर बच्चे प्रदेश के विभिन्न जिलों के हैं. ये बच्चे शिक्षा विभाग के तत्वाधान में 3 माह तक चले 'बच्चों की सरकार कैसी हो' अभियान के तहत चुने गये हैं. कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि इसमें सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों के अलावा स्कूल न जाने वाले 1,085 बच्चों ने अपनी समस्याओं और उनके सुझावों पर वीडियो बनाया और इनको ऑनलाइन रजिस्टर किया.

68 बच्चों की चयन प्रक्रिया जारी: बाल सत्र लिए 1 अप्रैल से 25 मई 2023 तक रजिस्ट्रेशन का समय रखा गया था. बच्चों की एंट्री देश भर के कुल 9 राज्यों से आई है, जिनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, असम, बिहार राज्य प्रमुख है. जजों की टीम ने बच्चों का मूल्यांकन उनके द्वारा रखे गए सुझाव, समस्या की गंभीरता एवं इन्हें रखने के तरीके के आधार पर किया है. चयन प्रक्रिया कुल 3 भागों में बांटी गई है. इन में पहले भाग में वीडियो क्राइटेरिया पूरा करने वाले 585 बच्चों का चयन हुआ, जबकि दूसरे चरण में बच्चों की अभिव्यक्ति के आधार पर 285 बच्चे पैनल द्वारा चयनित किए गए. अब तीसरे एवं आखिरी चरण में बच्चों द्वारा उठाए गए मुद्दों की अहमियत एवं सुझावों की जरूरत के आधार पर 68 बच्चों की चयन प्रक्रिया जारी है, जिसका परिणाम जल्द जारी कर दिया जाएगा.

इन मुद्दों पर बच्चों ने रखी बेबाक राय: विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि चयन प्रक्रिया के समय बच्चों ने कई गंभीर मुद्दों पर अपनी बात रखी एवं अहम सुझाव हमारे साथ साझा किए. बच्चों द्वारा जो मुद्दे रखे गए, इन मुद्दों में हिमाचल में बढ़ती बेरोजगारी के लिए युवाओं के लिए कैरियर काउंसलिंग, हिमाचल के किसानों की फसलों की मार्केटिंग, खेलों को बढ़ावा देने के लिए साप्ताहिक खेल प्रतियोगिताएं और शिक्षा के सुधार के लिए छोटे-छोटे प्रयास शामिल हैं. इन सुझावों पर विस्तृत चर्चा बच्चों द्वारा 'बाल सत्र' में की जाएगी.

बाल सत्र के लिए राज्य में हुए 20 संवाद सत्र:विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि इस अभियान में बच्चों के लिए 20 संवाद सत्र भी हुए, जिसमें हिमाचल के दिग्गज नेताओं, शिक्षाविद, कलाकारों एवं अधिकारियों ने 50 हजार से ज्यादा बच्चों से अपने जीवन मंत्र साझा किए एवं उनकी राजनीतिक जिज्ञासा शांत की. उन्होंने बताया कि राजस्थान की फ्यूचर सोसाइटी इस सत्र को करवाने में अहम योगदान निभा रही है. सोसाइटी ने राजस्थान में आयोजित देश के सबसे पहले 'बाल सत्र' के आयोजन में भी मुख्य भूमिका निभाई थी.

बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए ये नेता रहेंगे मौजूद:विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि बच्चों का मनोबल बढ़ाने के लिए विशिष्ठ अतिथि के तौर पर राज्यसभा उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह मौजूद रहेंगे. मुख्य अतिथि के तौर पर राज्य के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री, मुख्य संसदीय सचिव, समस्त हिमाचल कैबिनेट एवं विधायक मौजूद रहेंगे. पठानिया ने कहा कि विधानसभा बाल सत्र का संचालन हिमाचल प्रदेश ही नहीं अपितु देश के उज्ज्वल लोकतांत्रिक भविष्य की नींव का कार्य करेगा.

बच्चों ने विधानसभा सत्र के आयोजन को सराहा: बाल विधानसभा सत्र करवाने के प्रयास को बच्चों ने सराहा है. इसमें चयनित बच्चों का कहना था कि यह बच्चों को एक मंच दे रहा है, जिसमें वह प्रदेश की समस्याओं और विकास के मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं. प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मुद्दों पर बच्चे क्या सोचते हैं और इसके लिए क्या हल चाहते हैं. इस सत्र के माध्यम से सामने आएगा.

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