शिमला: विश्व बाल श्रम दिवस पर 12 जून को हिमाचल विधानसभा में बाल सत्र का आयोजन होगा. इसमें 68 बच्चे एक दिन के लिए जनप्रतिनिधि की भूमिका में नजर आएंगे. ये बाल प्रतिनिधि एक दिन के लिये राज्य के मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, स्पीकर, कैबिनेट मंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं सदस्यों की भूमिका में नजर आएंगे. और विधानसभा में विशेष सत्र का संचालन करेंगे.
'बच्चों की सरकार कैसी हो' अभियान के तहत बच्चों का चयन: विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बाल सत्र की जानकारी देते हुए बताया कि डिजिटल बाल मेला द्वारा आयोजित इस सत्र में देश भर के 68 बच्चे राजनीतिक एवं सामाजिक मुद्दों पर अपनी आवाज दुनिया के सामने रखेंगे. उन्होंने बताया कि इसमें ज्यादातर बच्चे प्रदेश के विभिन्न जिलों के हैं. ये बच्चे शिक्षा विभाग के तत्वाधान में 3 माह तक चले 'बच्चों की सरकार कैसी हो' अभियान के तहत चुने गये हैं. कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि इसमें सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों के अलावा स्कूल न जाने वाले 1,085 बच्चों ने अपनी समस्याओं और उनके सुझावों पर वीडियो बनाया और इनको ऑनलाइन रजिस्टर किया.
68 बच्चों की चयन प्रक्रिया जारी: बाल सत्र लिए 1 अप्रैल से 25 मई 2023 तक रजिस्ट्रेशन का समय रखा गया था. बच्चों की एंट्री देश भर के कुल 9 राज्यों से आई है, जिनमें हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, असम, बिहार राज्य प्रमुख है. जजों की टीम ने बच्चों का मूल्यांकन उनके द्वारा रखे गए सुझाव, समस्या की गंभीरता एवं इन्हें रखने के तरीके के आधार पर किया है. चयन प्रक्रिया कुल 3 भागों में बांटी गई है. इन में पहले भाग में वीडियो क्राइटेरिया पूरा करने वाले 585 बच्चों का चयन हुआ, जबकि दूसरे चरण में बच्चों की अभिव्यक्ति के आधार पर 285 बच्चे पैनल द्वारा चयनित किए गए. अब तीसरे एवं आखिरी चरण में बच्चों द्वारा उठाए गए मुद्दों की अहमियत एवं सुझावों की जरूरत के आधार पर 68 बच्चों की चयन प्रक्रिया जारी है, जिसका परिणाम जल्द जारी कर दिया जाएगा.
इन मुद्दों पर बच्चों ने रखी बेबाक राय: विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि चयन प्रक्रिया के समय बच्चों ने कई गंभीर मुद्दों पर अपनी बात रखी एवं अहम सुझाव हमारे साथ साझा किए. बच्चों द्वारा जो मुद्दे रखे गए, इन मुद्दों में हिमाचल में बढ़ती बेरोजगारी के लिए युवाओं के लिए कैरियर काउंसलिंग, हिमाचल के किसानों की फसलों की मार्केटिंग, खेलों को बढ़ावा देने के लिए साप्ताहिक खेल प्रतियोगिताएं और शिक्षा के सुधार के लिए छोटे-छोटे प्रयास शामिल हैं. इन सुझावों पर विस्तृत चर्चा बच्चों द्वारा 'बाल सत्र' में की जाएगी.