शिमला:मुख्य सचिव आरडी धीमान ने लोगों से आग्रह किया है कि मानसिक स्वास्थ्य संबधी दिक्कतों पर किसी जादुई उपचार करने वालों के झांसे में न आएं. ऐसा करने से इस तरह के लोगों के प्रारंभिक निदान और उपचार में बाधा पहुंचती है. मुख्य सचिव, मानसिक स्वास्थ्य देख-रेख अधिनियम, 2017 पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण शिमला द्वारा आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन और मानसिक स्वास्थ्य मजबूत समाज के निर्माण के लिए नितांत आवश्यक है. उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने विश्वसनीय मानसिक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली विकसित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया है. (RD Dhiman on health issues) (State Mental Health Authority Shimla meeting)
उन्होंने कहा कि अच्छा स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती, संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के वर्ष 2030 के 17 सतत विकास लक्ष्यों में से एक है. सतत विकास लक्ष्य 3 न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित करता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक रोकथाम और उपचार के माध्यम से गैर-संचारी रोगों से समयपूर्व मृत्यु दर को एक तिहाई कम करने और मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
उन्होंने व्यक्तियों, समुदायों और नीति निर्धारकों के रूप में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति मूल्य और प्रतिबद्धता को दृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सामाजिक भय मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े रोगों के शीघ्र निदान और उपचार पर भी प्रभाव डालता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश मानसिक स्वास्थ्य एवं पुनर्वास अस्पताल शिमला इस विषय के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए नियमित रूप से कार्यशाला, सेमिनार और अन्य गतिविधियों का आयोजन कर रहा है.