मंडी: विदेश में बैठे खालिस्तानी समर्थकों की संस्था सिख फॉर जस्टिस (Sikh for Justice) से जुड़े गुरपतवंत पन्नू ने हिमाचल में तिरंगा नहीं फहराने की धमकी दी है. एक ऑडियो मैसेज के जरिये सीएम जयराम ठाकुर (CM Jairam Thakur) को तिरंगा न फहराने देने की धमकी दी गयी है. मैसेज में कहा गया है कि हिमाचल पहले पंजाब का हिस्सा था. पंजाब को आजाद करवाने के बाद हिमाचल को भी पंजाब में शामिल किया जाएगा.
वहीं, मामले को लेकर मंडी दौरे के दौरान सुंदरनगर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) ने कहा कि मामला उनके ध्यान में आया है. उन्होंने कहा कि 15 अगस्त के दिन जहां भी उनका कार्यक्रम होगा वहां तिरंगा झंडा (Tricolor Flag) जरूर फहराया जाएगा. उन्होंने कहा कि मामले को लेकर जांच एजेंसी (Investigative Agency) के माध्यम से भी मामले की गहनता से जांच करवाई जाएगी.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे-21 (Chandigarh Manali National Highway-21) पर वाहनों पर खालिस्तानी संगठनों के झंडे लगाकर चल रहे बाहरी राज्यों के वाहनों पर भी चिंता व्यक्त की है. मुख्यमंत्री ने इस प्रकार के मामलों को गंभीरता से लेते हुए गहनता से जांच किए जाने के आदेश भी दिए.
मामले की गंभीरता को लेकर प्रदेश में सुरक्षा एजंसियों (Security Agencies) की नींद उड़ गई है. ऑडियो में प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू और एक अन्य नेता द्वारा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को 15 अगस्त के दिन प्रदेश में झंडा नहीं फहराने दिए जाने की धमकी दी गई है. ऑडियो मैसेज में पंजाब में एक जनसंग्रह करवा कर पहले से पंजाब का एक हिस्सा होने पर हिमाचल को पंजाब में शामिल किया जाएगा.
ऑडियो में किसानों को 15 अगस्त को अपने ट्रैक्टर निकाल कर प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को तिरंगा फहराने से रोकने की अपील भी की गई है. इस ऑडियो मैसेज (Audio Message) के कारण हिमाचल प्रदेश में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
बता दें कि 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था. आजादी से पहले हिमाचल प्रदेश ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत का हिस्सा था. आजादी मिलने के बाद इसे चीफ कमिश्नर प्रोविंस ऑफ हिमाचल प्रदेश नाम दिया गया. बाद में इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. 1966 में पंजाब के पहाड़ी इलाकों को भी हिमाचल प्रदेश में शामिल किया गया. 1971 में जाकर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) को भारत के एक राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ.
ये भी पढ़ें-मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कुछ देर बाद पहुंचेंगे कांगड़ा, कल यहां होंगे कार्यक्रम में शामिल