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मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने शिष्टवारी गांव में आगजनी की घटना पर जताया शोक

जयराम ठाकुर ने घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत, राशन और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि चिड़गांव में फायर टेंडर रखने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्र पहुंचकर क्षति को कम किया जा सके.

fire incident in chirgaon
शिष्टवारी गांव में आगजनी

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Published : Apr 29, 2020, 10:55 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला जिला के रोहड़ू उप-मंडल की चिड़गांव तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत पेखा के शिष्टवारी गांव में बुधवार सुबह आगजनी की घटना पर शोक व्यक्त किया है. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हुए हैं. घटना में सात घर जलकर नष्ट हो गए जिससे 11 परिवार प्रभावित हुए हैं.

जय राम ठाकुर ने घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत, राशन और अन्य आवश्यक वस्तुएं प्रदान करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि चिड़गांव में फायर टेंडर रखने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्र पहुंचकर क्षति को कम किया जा सके.

वहीं, घटना पर दुख व्यक्त करते हुए शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने प्रभावित हुए परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. उन्होंने बताया कि उपायुक्त अमित कश्यप ने मौके पर पहुंच कर प्रभावितों को तुरन्त सहायता राशि प्रदान की. राहत राशि के तहत प्रभावित परिवारों को 5 हजार रुपये की राशि तथा मृतक के परिजनों को 10 हजार रुपये की राशि प्रदान की गई.

सुरेश भारद्वाज ने बताया कि प्रभावित परिवारों को राशन, बर्तन, कम्बल, तिरपाल आदि की व्यवस्था की गई है. उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों से नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट सरकार को जल्द देने के आदेश दिए ताकि प्रभावित परिवारों को सहायता दी जा सके. उन्होंने वन मण्डलाधिकारी को प्रभावित परिवारों को टीडी के तहत लकड़ी उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री आवास योजना व अन्य योजना के तहत प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता प्रदान करते हुए घर निर्मित करने की अनुमति देने के निर्देश भी दिए ताकि प्रभावित परिवार जल्द से जल्द अपने मकानों का निर्माण कर सके

भारद्वाज ने गांववासियों से अपील की कि रोहड़ू क्षेत्र के दूर-दराज इलाकों में ग्रामीण मनरेगा के तहत टैंकों का निर्माण करें ताकि इसमें संरक्षित जल को आपदा के समय प्रयोग में लाया जा सके. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में लकड़ी के घरों में लोग विद्युत उपकरणों के उपयोग में सावधानी बरतें, बाहर जाने अथवा सोते समय उन उपकरणों को बंद करना सुनिश्चित करें ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके.

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