बलौदा बाजार (छत्तीसगढ़):अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी नर्सों को शुभकामनाएं देते हुए उनके सराहनीय और निस्वार्थ कार्यों के प्रति आभार व्यक्त किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पलारी में पदस्थ स्टाफ नर्स वर्षा गोंडाने से बातचीत कर उनका हाल-चाल जाना. वर्षा ने कोरोना से अपनी पति और मां को खो दिया है, बावजूद इसके वो ड्यूटी पर डटी हुई हैं. वर्षा ने मुख्यमंत्री को अपनी आपबीती बताई, जिसके बाद पूरा मंत्रिमंडल भावुक हो गया.
वर्षा ने सीएम भूपेश बघेल को बताया कि उनकी सास और ननद दोनों कोरोना से संक्रमित हो गई थी. इस दौरान वे अपने दोनों बच्चों को लेकर अलग हो गई. इसी दौरान उनके पति अपनी मां और बहन की सेवा करते करते खुद संक्रमित हो गए थे. कुछ दिनों के बाद उनके निधन की खबर वर्षा को मिली, लेकिन वो मरीजों को छेड़कर जाने की स्थिति में नहीं थी. पति की मौत के बाद भी वर्षा कोविड मरीजों की सेवा में डटी रहीं. पति की इस तरह असमय मौत से वे पूरी टूट चुकी थीं, फिर वे ससुराल जाकर पति के दशगात्र कार्यक्रम में शामिल हुई और 11वें दिन फिर से हॉस्पिटल पहुंचकर उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन कर ली. ताकि कोई और अपनों को न खो सके.
वर्षा की आपबीती सुनकर भावुक हुए सीएम भूपेश बघेल
वर्षा ने आगे बताया कि पति के गुजर जाने के बाद परिवार को संभालने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर आ गई है. मरीजों का इलाज करते-करते वे और उनके बच्चे भी संक्रमित हो गए थे. संक्रमण ठीक होने के बाद 17वें दिन एक बार फिर से वर्षा ड्यूटी ज्वाइन कर मरीजों की सेवा में जुट गईं. उन्होंने सीएम से कहा कि परिवार के सभी सदस्य फिलहाल पूरी तरह से स्वस्थ हैं. वर्षा की आपबीती सुनकर मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिमंडल के तमाम सदस्य भावुक हो गए.