शिमला: हिमालयी राज्यों को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है. सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश के पहाड़ी राज्यों की अनेक मांगों को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पहाड़ी राज्यों में चल रही विकासात्मक परियोजनाओं के लिए एक बार फिर से 90:10 के अनुपात में वित्तीय सहायता प्रदान करने पर सहमत हो गई है.
इसके अलावा हर घर को नल उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करवाने की मांग को भी मान लिया गया है. उन्होंने कहा कि पहाड़ी राज्यों द्वारा पेयजल के सम्बन्ध में दिए गए अधिकतर प्रस्तावों को ‘हर घर में नल से जल’ योजना के अंतर्गत शामिल करने का आश्वासन दिया गया है.
यह निर्णय केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने दिल्ली में गत दिन इस योजना के आरम्भ होने से पूर्व, विभिन्न राज्यों के सचिवों के साथ आयोजित बैठक में लिया गया है. सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. आरएन बत्ता, प्रमुख अभियन्ता नवीन पुरी, मुख्य अभियन्ता एम.एन. सैनी ने भी इस बैठक में भाग लिया.
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महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि इससे पूर्व, जून माह में मंत्री स्तर की बैठक में उन्होंने हिमालयी राज्यों से इन सभी महत्त्वपूर्ण मुद्दों को प्रभावशाली ढंग से केन्द्र सरकार के साथ उठाया था और इन मुद्दों पर जल शक्ति केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री और सम्बन्धित सचिवों से विस्तृत चर्चा की थी, जिसके परिणाम स्वरूप हिमाचल प्रदेश से सम्बन्धित सभी पहलुओं को इन योजनाओं में सम्मलित किया गया है.
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उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 57 प्रतिशत बस्तियों को जलापूर्ति प्रदान की जा चुकी है लेकिन पुरानी योजनाओं में हर घर को पेयजल उपलब्ध करवाने का कोई प्रावधान नहीं था. हर घर को जल उपलब्ध करवाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य ने अतिरिक्त धनराशि की मांग की थी.
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उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने योजना के तहत हर घर को पेयजल उपलब्ध करवाने में सराहनीय कार्य करने वाले राज्यों को प्रोत्साहन देने का भी निर्णय लिया है. योजना के अंतर्गत पहाड़ी राज्यों के लिए 28 से 30 हजार रुपये प्रति व्यक्ति और अन्य राज्यों के लिए 15 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे, जो राज्य योजनाओं की डीपीआर सबसे पहले प्रस्तुत करेंगे उन राज्यों को पहले धनराशि दी जाएगी.