शिमला: केंद्र से मिले 101 करोड़ रुपयों की मदद से अब प्रदेश के स्कूलों में दी जा रही वोकेशनल शिक्षा के साथ ही प्री प्राइमरी कक्षाओं को सुदृढ़ किया जाएगा. केंद्र से समग्र शिक्षा के लिए दूसरी इंस्टॉलमेंट जारी हो चुकी है. इस राशि को स्कूलों में छात्रों को सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए खर्च किया जाएगा.
केंद्र की ओर से समग्र शिक्षा के लिए 91 करोड़ का बजट मुहैया करवाया गया है. अब इस बजट में 10 करोड़ प्रदेश सरकार अपनी हिस्सेदारी के रूप में देगी. दूसरी इंस्टॉलमेंट समग्र शिक्षा को पिछले युर्टिलाइजेशन सर्टिफिकेट समय पर भेजने के बाद जारी हुई है.
इंस्टॉलमेंट मिलने से प्रदेश के 80 स्कूलों में वोकेशनल कोर्सेज शुरू किए जाएंगे. इसके साथ ही ग्रांट का कुछ हिस्सा टीचर्स के वेतन के साथ ही बीआरसी, सीआरसी को वेतन देने में भी खर्च किया जाएगा. इसके साथ ही 200 के करीब नए स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने की योजना समग्र शिक्षा अभियान के तहत है.
ऐसे में इन लैब्स को स्थापित करने के लिए भी इस ग्रांट का इस्तेमाल समग्र शिक्षा की ओर से किया जाएगा. वहीं, प्री प्राइमरी कक्षाओं को सुदृढ़ करने के लिए 101 करोड़ की ग्रांट से ही प्रावधान किया जाएगा. समग्र शिक्षा परियोजना के राज्य परियोजना निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि प्रदेश समग्र शिक्षा ने केंद्र की ओर से दिए गए बजट की पहली ग्रांट का युर्टिलाइजेशन सर्टिफिकेट समय रहते एमएचआरडी को सौंप दिया था, जिसके बाद अब मंजूर बजट की सेकंड इंस्टॉलमेंट भी केंद्र की ओर से समग्र शिक्षा को दी गई है.
इस बजट को आईसीटी लेब, प्री प्राइमरी कक्षाओं को सुदृढ़ करने के साथ ही वोकेशनल एजुकेशन पर खर्च की जाएगी. उन्होंने बताया कि हिमाचल सर्व शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के साथ ही टीचर ट्रेनिंग को एक साथ कर सर्व शिक्षा अभियान बनाया है.इसी के तहत स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए बजट केंद्र की ओर से मुहैया करवाया जाता है जो समग्र शिक्षा को भी मिल रहा है. बता दें कि समग्र शिक्षा के तहत बजट लेने वाले 15 राज्यों में हिमाचल सबसे आगे है.