शिमला: आईजीएमसी शिमला में अस्पताल के ई-ब्लॉक में सीसीटीवी कैमरे लगाने की तैयारी चल रही है. अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों व डॉक्टरों की सुरक्षा के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है. आईजीएमसी के ई-ब्लॉक में गंभीर मरीजों का ईलाज किया जाता है.
वहीं, इस ब्लॉक में स्टाफ कम संख्या में तैनात करना पड़े, इसलिए प्रशासन की ओर से कैमरा लगाने बारे विचार चल रहा है. प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए टेंडर कॉल कर दिए हैं.
सीसीटीवी कैमरे से रहेगी पूरे ब्लॉक में नजर
आईजीएमसी के ई-ब्लॉक में मरीजों के लिए लगभग 88 बैड उपलब्ध हैं. अब सीसीटीवी कैमरों के लगने से पूरे ब्लॉक में प्रशासन की नजर रहेगी. यही नहीं मरीजों के साथ ही डॉक्टर व स्टाफ ड्यूटी रूम में भी निगरानी होगी.
आईजीएमसी प्रिंसीपल डॉक्टर रजनीश पठानिया ने बताया कि कैमरे लगवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है. कैमरे लगने से अस्पताल के इस ब्लॉक में ज्यादा स्टाफ तैनात नहीं करने पड़ेंगे. वहीं, जल्द ही आईजीएमसी में न्यू ओपीडी ब्लॉक शुरू होने वाला है. जिससे कि भीड़ भी कम हो जाएगी.
कोरोना काल में पॉजिटिव मरीज अस्पताल में कम संख्या में ही दाखिल हैं. जिस कारण आईजीएमसी में दस से 15 डॉक्टर, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ व सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है. यही नहीं अस्पताल के स्टाफ में रोटेशन में ड्यूटी एक हफ्ते तक लगाई जाती है. महामारी से संक्रमण न फैल सके, इसके लिए एहतियात के तौर पर पूरे स्टाफ को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन भी किया जाता है.
अस्पताल में रोजाना होती है हजारों की भीड़
आईजीएमसी अस्पताल में रोजाना हजारों की संख्या में भीड़ होती है. जिससे कि कोरोना नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है. वहीं, ओपीडी में मरीजों को घंटों इंतजार करने के बाद चैकअप करवाना पड़ रहा है. रोजाना की ओपीडी में 3,000 के भीड करीब होती है. जिस कारण तैनात सुरक्षाकर्मी भी इतनी भीड़ में नियमों का पालन नहीं करवा पाते हैं.
पढ़ें:कुल्लू की संध्या को अमेरिका में मिला साढ़े 42 लाख का पैकेज, करेंगी वर्क फ्रॉम होम