शिमला: शुक्रवार को हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन कैग रिपोर्ट भी सदन मे रखी गई. इस रिपोर्ट में कई बातें सामने आई हैं लेकिन सबसे अहम बात सरकार सिस्टम की सुस्ती को लेकर सामने आई है. जिसने एक बार फिर हिमाचल सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. (CAG report on Himachal Govt) (HP govt did not submit utilisation certificates) (CAG report in Himachal Assembly)
दो साल के उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं करवाए जमा-CAG यानि Comptroller and Auditor General of India की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी सिस्टम की सुस्ती इस कदर है कि वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 के करोड़ों रुपए के विकास कार्यों के उपयोगिता प्रमाण जमा ही नहीं करवाए गए. ये भी सुनिश्चित नहीं है कि ग्रांट-इन-एड के तौर पर विभिन्न विभागों, संस्थाओं को जारी रकम की उपयोगिता यानी यूटिलाइजेशन हुई है या नहीं. धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र हो रहा है. सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सदन के पटल पर कैग की रिपोर्ट रखी गई. (CAG report on Utilisation certificates) (CAG report in Himachal Assembly winter session)
कुल 3619 उपयोगिता प्रमाण पत्र- रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में विभिन्न विकास कार्यों के लिए जारी रकम के यूसी यानी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट जमा नहीं करवाए गए. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021-22 में कुल 1823 उपयोगिता प्रमाण पत्र तय नियमों के हिसाब से जमा ही नहीं किए गए. ये उपयोगिता प्रमाण पत्र कुल 2392.99 करोड़ रुपए के कार्यों के थे. यही नहीं, इससे पूर्व के वित्तीय वर्ष यानी 2020-21 के भी 1796 यूसी जमा नहीं किए गए हैं. ये 1796 यूसी 2359.15 करोड़ रुपए के कार्यों के थे. इन्हें 31 मार्च 2022 तक जमा करवाया जाना जरूरी था. इस तरह वर्ष 2020-21 व 2021-22 यानी दोनों वित्तीय सालों के कुल 3619 यूसी जमा होने बाकी हैं.