हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

कैग रिपोर्ट में खुलासा: गंदा पानी पीने को मजबूर हिमाचल की जनता, 6 साल में 12.94 लाख जल जनित रोगों के मामले आए सामने

By

Published : Apr 6, 2023, 6:49 AM IST

Updated : Apr 6, 2023, 11:29 AM IST

हिमाचल की जनता गंदा पानी पीने को मजबूर है. यह हम नहीं कर रहे,बल्कि कैग रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. पिछले 6 सालों में 12.94 लाख से अधिक जल जनित रोगों के मामले सामने आए. कैग ने मैन पावर की कमी को लेकर चिंता जताई है.(CAG REPORT IN HIMACHAL ASSEMBLY)

CAG REPORT IN HIMACHAL ASSEMBLY
CAG REPORT IN HIMACHAL ASSEMBLY

शिमला:जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार से बेहतर काम के लिए करोड़ों रुपए का इंसेंटिव हासिल करने वाले हिमाचल की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है. हिमाचल प्रदेश हर घर को नल से जल देने वाला देश का पहला राज्य होने की दिशा में अग्रसर है, लेकिन कैग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि राज्य की जनता को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा है.

6 साल में 12.94 लाख से अधिक जल जनित रोग:पीने के पानी की गुणवत्ता कई जगह खराब है.इसकी गवाही जल जनित रोगों के मामले देते हैं. विगत 6 साल की अवधि में हिमाचल प्रदेश में जल जनित रोगों के 12.94 लाख से भी अधिक मामले आए हैं. ये आंकड़ा बताता है कि प्रदेश की जनता को पीने के लिए स्वच्छ जल नहीं मिल रहा है. हिमाचल विधानसभा के बजट सेशन में सदन के पटल पर रखे गए हिमाचल में पेयजल सेवाओं के प्रतिवेदन में कई चिंताजनक खुलासे हुए हैं.कैग रिपोर्ट में वर्ष 2016 से 2021 तक के जल जनित रोगों के मामलों का ब्यौरा दिया गया.

2016 और 2017 के मामले:हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2016 में एक्यूट डायरिया यानी तीव्र दस्त और पेचिश के 2,22,596 मामले सामने आए. इसके अलावा वायरल हेपेटाइटिस यानी जॉन्डिस यानी पीलिया के 3073 केस आए. जल जनित रोग टाइफाइड के 14403 केस सामने आए. इस तरह जल जनित रोगों के 2016 में कुल मामलों की संख्या 240072 केस आए. इसी तरह वर्ष 2017 में एक्यूट डायरिया व पेचिश के 250636, जॉन्डिस के 683 व टाइफाइड के 14952 मामले रिकार्ड किए गए. इस तरह साल 2017 में वाटर बोर्न डिजीज के 266271 केस दर्ज किए गए.

2018 और 2019 में बीमारियों का आंकड़ा:वर्ष 2018 में एक्यूट डायरिया व पेचिश के मामलों की संख्या 227317 थी. इसी तरह जॉन्डिस के 471 व टाइफाइड के 16017 मामले दर्ज किए गए. कुल जल जनित रोगों के 243805 केस 2018 में सामने आए. वर्ष 2019 में एक्यूट डायरिया व पेचिश के 260644, जॉन्डिस के 532 व टाइफाइड के 14206 मामले दर्ज किए गए. कुल मामले 275382 थे.

कोरोना काल में कम हुआ जॉन्डिस और टाइफाइड:वर्ष 2020 में कोरोना महामारी ने दस्तक दी. इस दौरान जलजनित रोगों की संख्या कम हो गई. तब एक्यूट डायरिया व पेचिश के मामले साल भर में 159009 थे जॉन्डिस के मामले 272 व टाइफाइड के केस 7692 दर्ज किए गए. कुल मामलों में कमी आई और ये संख्या 166973 रह गई. वर्ष 2021 में ये मामले और कम दर्ज किए गए. कारण कोरोना महामारी ही कहा जाएगा.तब हाइजीन की तरफ अधिक ध्यान दिया गया. वर्ष 2021 में एक्यूट डायरिया व पेचिश के 96874, जॉन्डिस के 136 व टाइफाइड के 5237 मामले आए. कुल मामलों की संख्या 102247 रही. देखा जाए तो 6 साल में एक्यूट डायरिया के 12 लाख,17 हजार, 076 मामले सामने आए.जॉन्डिस के मामलों की संख्या 6 साल में 5167 रही और टाइफाइड के केस 72507 रिकार्ड किए गए. कुल जल जनित रोगों के केस 12 लाख, 94 हजार, 750 रही.

कैग ने मैन पावर की कमी पर जताई चिंता:कैग रिपोर्ट में जल जांच प्रयोगशालाओं में स्टाफ की कमी पर भी चिंता जताई है. मार्च 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार टेस्ट चेक डिवीजन में 879 तकनीकी कर्मचारियों के पद व 2903 गैर तकनीकी कर्मचारियों के पद खाली थे. कुल 20 प्रयोगशालाओं में अनुशंसित 160 पदों के मुकाबले केवल 42 की मैनपावर थी.

2009 से 2013 में आए थे 20 लाख से अधिक मामले:ऐसा नहीं है कि हिमाचल में जल जनित रोगों के ये मामले अभी की बात है. कैग की ही पिछली रिपोर्ट में भी यही हालात सामने आए थे. कैग की वर्ष 2009 से 2023 की रिपोर्ट में जल जनित रोगों के 20 लाख मामले सामने आए थे. कुल 83 लोग मौत का शिकार भी हुए थे. पूर्व में आई कैग रिपोर्ट के अनुसार डायरिया के कुल 14 लाख, 19 हजार 645 मरीज प्रभावित हुए. इसी तरह गेस्ट्रोएंट्रिक्स के 1,76,915 मामले और टाइफाइड के 4,95,829 मामले दर्ज किए गए थे. उक्त अवधि में वायरल हेपेटाइटिस के 4462 मामले सामने आए थे. इन मामलों में 83 मरीज मौत के मुंह में समा गए थे. शिमला में उस दौरान पीलिया ने तबाही मचाई थी. तब सीवरेज से मिला पानी शिमला की जनता को पीना पड़ा था.

ये भी पढ़ें :हिमाचल विधानसभा में पेश हुई CAG रिपोर्ट में खुलासा- शहरी निकायों में नहीं हो रहीं जरूरी बैठकें

Last Updated : Apr 6, 2023, 11:29 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details