शिमला:हर साल 29 अक्टूबर को विश्व ब्रेन स्ट्रोक डे मनाया जाता है. ब्रेन स्ट्रोक क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है, इसको लेकर आईजीएसमी में न्यूरो मेडिसिन में विशेषज्ञ डॉ. सुधीर शर्मा ने जानकारी दी. दरअसल, ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी स्थिति है, जो मेडिकल एमरजेंसी में आती है. इसमें लक्षणों की फौरन पहचान करने के साथ ही जल्द इलाज की जरूरत होती है. स्ट्रोक तब होता है जब रक्त की आपूर्ति कम या बाधित होने के कारण दिमाग के सेल्स मरने लगते हैं. दिमाग को क्षति पहुंचने से बचाने के लिए जरूरी है कि फौरन इलाज किया जाए.
डॉ. सुधीर शर्मा का कहना है कि अगर कोई अचानक कमजोरी की शिकायत करता है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. अगर लक्षण सुन्न की तरह जाने लगते हैं, तो आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें. दिखाई न देना या फिर हाथों-आंखों का समन्वय खराब होना, अचानक आंखों की रोशनी का चला जाना स्ट्रोक से जुड़ा हुआ है. कमजोरी, हाथ-आंखों का समन्वय बिगड़ना, छूने पर एहसास कम होना, बोलने में दिक्कत आना, सभी स्ट्रोक के संकेत हैं. यह लक्षण समय के साथ और खराब होते चले जाएंगे. अगर कोई शख्स अचानक गिर जाता है या फिर संतुलन बिगड़ने की वजह से गिर पड़ता है, तो इसका मतलब कहीं कुछ सही नहीं है. अचानक बिना वजह गिर जाने के साथ उलटी, बुखार ये सभी लक्षण कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं की तरफ इशारा करती हैं. कुछ मरीजों को स्ट्रोक से पहले हिचकियां आती हैं या फिर उन्हें निगलने में दिक्कत होने लगती है.
'तेज सिर दर्द होना खतरनाक':डॉक्टरों का कहना है कि सिर दर्द कभी-कभी होना अलग बात है, लेकिन अगर यह अक्सर आपको परेशान कर रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ज्यादातर मरीज तेज सिर दर्द की शिकायत करने के तुरंत बाद बेहोश हो जाते हैं. कुछ देर के लिए बेहोश हो जाना या फिर चक्कर आने को भी अनदेखा न करें. सुधीर शर्मा ने बताया कि हर 6 सेकेंड में एक व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है. उनका कहना है कि ब्रेन स्ट्रोक होते ही समय पर अस्पताल पहुंचा देना चाहिए, जिससे मरीज का जल्द इलाज किया जा सके. उन्होंने कहा जिले में 17 अस्पताल ऐसे हैं, जहां ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों का इलाज किया जाता है.
एचपी टेलिस्ट्रोक ऐप:डॉ. सुधीर शर्मा ने बताया कि एचपी टेलिस्ट्रोक ऐप को लोग डाउनलोड कर सकते हैं. इस पर ब्रेन स्ट्रोक संबंधित कई जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. यदि समय रहते मरीज अस्पताल ले जाया जाए तो, उसकी जान बचाई जा सकती है. उन्होंने कहा मुंह का टेढ़ा होना, हाथ-बाजू कमजोर होना और सोचने-समझने में समस्या आना इसके लक्षण है. ऐसे लक्षण दिखने पर मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए. राज्य मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पताल सहित कई अस्पतालों में इसका इलाज किया जा रहा है. वहां ब्रेन स्ट्रोक की दवाईयां उपलब्ध हैं. जिले के 17 अस्पतालों में ब्रेन स्ट्रोक के इलाज की सुविधा उपलब्ध है.