शिमला: राजधानी शिमला के टका बेंच बुक कैफे में अब न तो कैदी खाद्य वस्तुएं परोसते नजर आएंगे और न ही जेलों में बनाए जा रहे सामान मिल पाएगा. नगर निगम जेल विभाग से बुक कैफे छीन कर नगर निगम ने निजी हाथों में सौंप दिया है.
शुक्रवार को नगर निगम के महापौर और उप महापौर ने इस बुक कैफे का दोबारा उद्घाटन किया और आज से यहां निजी हाथों में सौंप दिया गया है. हालांकि यहां बैठके की व्यवस्था उसी तरीके से रहेगी और लोग यहां बैठ कर किताबे पढ़ने का आनंद उठा सकते है, लेकिन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना ये बुक कैफे अब कैदियों के बिना चलेगा.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि नगर निगम ने यहां पर बुक कैफे खोला था और इस कैफे को कैदी चला रहे थे. अब इसे निजी हाथों में दिया है. उन्होंने कहा कि शहर में निगम जल्द ही नए बुक कैफे खोलेगी जिससे कैदियों को भी उनका संचालन दिया जाएगा.
बता दें कि शिमला के टका बेंच में नगर निगम द्वारा 2017 में बुक कैफे खोला गया था जिसे चलाने के लिए जेल विभाग को दिया गया था. यहां कैदी ही कैफे को चलाते थे और यहां शिफ्ट में कैदी कंडा जेल से आते थे. इस कैफे को देखने पर्यटक भी पहुंचते थे. निगम ने सितंबर में इस कैफे को लेकर टेंडर निकाला था जिसे फूड चेन चलाने वाले कारोबारी को इसे दिया गया जोकि निगम ने 14 लाख के सालाना चुकाएगा.