शिमला: हिमाचल की कांग्रेस सरकार द्वारा पिछली सरकार के फैसलों को पलटने के फैसले के खिलाफ बीजेपी सड़कों पर उतर गई है. प्रदेश भर में बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिमला में प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सुरेश भारद्वाज की अगुवाई में प्रदर्शन हुआ. सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सरकार बिना कैबिनेट बनाए रिव्यू कर रही है. और जो संस्थान काम कर रहे हैं उन्हें डिनोटिफाई किया जा रहा है. जो अफसर इन संस्थानों को बंद करने के आदेश दे रहें हैं उन्हीं अफसरों ने पूर्व सरकार ने इन संस्थानों को खोलने के लिए बजट का प्रावधान किया था जो बताता है कि सरकार बनने से पहले ही असफर सरकार पर हावी हो गए हैं. (BJP Protest in Shimla)(BJP Protest Against Denotification in shimla).
'सरकार पर अफसरशाही हावी है'-सुरेश भारद्वाज ने सुक्खू सरकार को अनुभवहीन बताया और कहा कि अफसरशाही सरकार पर हावी है और जैसा अफसर कह रहे हैं सरकार वैसा ही कर रही है. बिना कैबिनेट विस्तार और बिना समीक्षा के ही फैसले लिए जा रहे हैं जो सही नहीं है. दरअसल हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सुक्खू सरकार पूर्व की जयराम सरकार द्वारा आखिरी 9 महीने में लिए गए फैसलों का रिव्यू कर रही है. जिसके तहत 1 अप्रैल 2022 के बाद की गई घोषणाएं भी शामिल है. सुक्खू सरकार ने बीजेपी सरकार द्वारा 1 अप्रैल के बाद खोले या अपग्रेड किए नए संस्थानों को डिनोटिफाई करने का आदेश दिया है और अब हर विभाग इन संस्थानों को डिनोटिफाई कर रहा है. हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने 574 संस्थानों को डिनोटिफाई कर रही है. इसी मामले पर बीजेपी प्रदर्शन कर रही है. बीजेपी ने इस फैसले के खिलाफ राज्यपाल को ज्ञापन भी सौंपा है.