शिमलाः हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एसएफआई व एबीवीपी छात्र संगठनों के बीच पिछले दो दिनों से चल रहे खूनी संघर्ष की लड़ाई ने राजनीतिक रंग ले लिया है. विरोध स्वरूप एबीवीपी से जुड़ी भाजपा व एसएफआई से जुड़े सीपीआईएम कार्यकर्ता व समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं.
प्रदेश विवि में हुए खूनी संघर्ष ने लिया राजनीतिक रंग, भाजपा और वामपंथी संगठन कर रहे विरोध प्रदर्शन
भाजपा के बैनर तले मानवाधिकार मंच ने शिमला डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और वामपंथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में कई बीजेपी नेता भी शामिल हुए.
भाजपा के बैनर तले मानवाधिकार मंच ने शिमला डीसी ऑफिस के बाहर धरना दिया और वामपंथ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन में कई बीजेपी नेता भी शामिल हुए. मंच के अध्यक्ष केसी सडियाल ने एसएफआई पर आरोप लगाया कि वामपंथ का इतिहास हिंसा से जुड़ा हुआ रहा है. केरल के बाद शिमला में भी इस तरह का हमला निंदनीय है और ये मानवाधिकार की अवहेलना है. यह सब सुनियोजित तरीके से हुआ है और इस हिंसक वारदात से मानवाधिकारों का हनन कर रहे हैं.
उन्होंने पुलिस प्रशासन को हिंसा फैलाने वाले ऐसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. बता दें कि समरहिल में संघ की शाखा के दौरान एसएफआई के साथ खूनी संघर्ष हुआ था. जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए थे. जिसके बाद एबीवीपी और एसएफआई में खूनी झड़प शुरू हो गई.