शिमला: इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर जयंती योग बन रहा है. यही योग द्वापरयुग में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के दौरान भी बना था, इसलिए 30 अगस्त को देश भर में धूमधाम से मनाई जाने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी विशेष मानी जा रही है. इस दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर भक्त गण पूरा दिन उपवास करते हैं. रात के 12 बजे तक भगवान श्री कृष्ण का जागरण, भजन, पूजन-अर्चना करते हैं.
इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जाएगा. वशिष्ठ ज्योतिष सदन के अध्यक्ष व प्रख्यात अंक ज्योतिषी पंडित शशि पाल डोगरा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण का अवतरण 3228 ईसवी वर्ष पूर्व हुआ था. 3102 ईसवी वर्ष पूर्व कान्हा ने इस लोक को छोड़ भी दिया. विक्रम संवत के अनुसार, कलयुग में उनकी आयु 2078 वर्ष हो चुकी है अर्थात भगवान श्रीकृष्ण पृथ्वी लोक पर 125 साल, छह महीने और छह दिन तक रहे. उसके बाद स्वधाम चले गए.
पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात को 11:59 से 12:44 बजे तक रहेगा. भादो माह में ही भगवान श्रीकृष्ण ने रोहिणी नक्षत्र के वृष लग्न में जन्म लिया था. 30 अगस्त को रोहणी नक्षत्र व हर्षण योग रहेगा. देश भर के सभी कृष्ण मंदिरों में जन्माष्टमी विशेष धूमधाम के साथ मनाई जाती है. जन्माष्टमी के दिन अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र एक साथ पड़ रहे हैं, इसे जयंती योग माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर राशि के अनुसार भगवान कृष्ण को भोग लगाने से कान्हा की कृपा बनी रहती है.