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10 दिनों के अंदर स्कूलों में लगेंगी बायोमेट्रिक मशीनें, निर्देश जारी - प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जमवाल

स्कूलों में 10 दिनों के अंदर आधार युक्त बायोमेट्रिक मशीनें लग जाएंगी. बायोमेट्रिक मशीनों से शिक्षकों को अब अपनी हाजिरी लगानी होगी. पहले चरण में प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से 4474 प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में आधार युक्त बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं.

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Published : Oct 21, 2019, 11:40 PM IST

शिमला: प्रदेश के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में 10 दिनों के अंदर आधार युक्त बायोमेट्रिक मशीनें लग जाएंगी. बायोमेट्रिक मशीनों से शिक्षकों को अब अपनी हाजिरी लगानी होगी. पहले चरण में प्रदेश शिक्षा विभाग की ओर से 4474 प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में आधार युक्त बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं.

मशीनों को लगाने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं. लंबे समय से ये प्रक्रिया अटकी पड़ी है इसलिए अब विभाग की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि जल्द से जल्द बायोमेट्रिक मशीनें स्कूलों में लगाई जाएं, जिसके बाद शिक्षक इन्हीं बायोमेट्रिक मशीनों के माध्यम से हाजिरी लगाएंगे.

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प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी निर्देशों में सभी प्रारंभिक उप निदेशक शिक्षा, ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और जिला प्रोजेक्ट अधिकारियों को बायोमेट्रिक मशीनों के लिए इंटरनेट सेवा के लिए जिओ, बीएसएनल और एयरटेल की 4G सिम कार्ड खरीदने के निर्देश जारी किए गए हैं.

शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी स्कूलों के कर्मचारियों का बायोडाटा अपडेट किया जाए. इसके साथ ही आधार युक्त बायोमेट्रिक मशीन को इंस्टॉल, एक्टिवेट, इस्तेमाल और इसकी मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी शिक्षा विभाग की ओर से जिला व ब्लॉक स्तर के उपनिदेशक को सौंपी गई है.

प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक रोहित जम्वाल ने निर्देश जारी किए हैं कि अधिकारी इंटरनेट सुविधा के लिए सिम कार्ड खरीद कर सिम एक्टिवेशन के संबंध में 25 अक्टूबर तक स्टेट्स रिपोर्ट निदेशालय को सौंपे. बता दें कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की हाजरी के लिए 12 हजार सरकारी स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जानी हैं. लंबे समय से ये प्रक्रिया शिक्षा विभाग की ओर से चल रही है, लेकिन कुछ स्कूलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी न होने की वजह से ऑनलाइन बायोमेट्रिक मशीनें लगाने में शिक्षा विभाग को दिक्कतें आ रही थीं.

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