शिमला: प्रदेश के किसानों की मुख्य आय का साधन सेब इस बार बागवानों के लिए अच्छी सौगात लाया है. प्रदेश में इस साल सेब की अच्छी फसल होने से बागवानों के चेहरे खिले हुए हैं. इस साल सर्दियों में अच्छी बर्फ गिरने से प्रदेश में सेब का उत्पादन पिछले कई वर्षों से अधिक हुआ है.
जिला शिमला के ठियोग में इन दिनों बागवान सेब का तुड़ान तो कर रहे हैं लेकिन फसल को मण्डियों तक पहुंचाने में बागवानों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. बागवानों को बगीचे में सेब के तुड़ान के लिए मजदूरों की कमी सबसे ज्यादा आ रही है. इस साल नेपाली मूल के श्रमिकों के कम आने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
खराब सड़कों ने बढ़ाई बागवानों की चिंता तोड़े हुए सेब को सड़क तक पहुंचाने में हफ्ते भर का समय लग रहा है. ऐसे में मजदूर बागवानों से मनमानी मेहनताना वसूल रहे हैं. एक पेटी पर ही बागवानों का खर्चा 400 से 500 रुपये तक आ रहा है और बम्पर फसल होने पर बाजार में दाम भी कम मिल रहे हैं.
एक ओर जहां बागवान मजदूरों की समस्या से झूझ रहे हैं. वहीं दूसरी ओर मौसम ने भी बागवानों की परेशानियों को और ज्यादा बढ़ा रखा है. पिछले दिनों हुई भारी बारिश की वजह से प्रदेश के कई हिस्सों में सड़कें आज भी बंद हैं. मुख्य राजमार्ग और लिंक रोड के साथ जुड़ी सड़ंके बदहाली के आंसू बहा रही है.
तोड़े हुए फसलों को समय पर मंडी तक पहुंचाने के लिए लोगों ने जिला शिमला के ठियोग में जनसहयोग से जो सड़कें बनाई थी, वो भी भारी बरसात के कारण अवरुद्ध हो गई है. ऐसे में बागवानों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है कि उनकी साल भर की मेहनत पर पानी न फिर जाए.