शिमला:हिमाचल विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक आशा कुमारी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा और पंजाब की तर्ज पर कर्मचारियों के लिए छठे वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने की मांग की. साथ ही जल जीवन मिशन के तहत टेंडर प्रक्रिया के लिये सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि टेंडर को ब्रेकअप कर किसी विशेष को लाभ देने का प्रयास किया गया है. अधिकतर टेंडर सिराज और धर्मपुर में ही लगाए जा रहे हैं. जल मिशन में कुल टेंडर में से 47 फीसदी टेंडर जल शक्ति मंत्री व मुख्यमंत्री के क्षेत्र में लगाए गए हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों के साथ ये सरकार भेदभाव रही है.
आशा कुमारी ने कर्ज को लेकर सरकार को घेरा
आशा कुमारी ने कर्ज को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि यह सरकार सत्ता से जाते वक्त 85 हजार करोड़ का कर्ज राज्य को छोड़कर जाएगी. उन्होंने कहा की जीडीपी गिर रही और देश के साथ-साथ हिमाचल में यह माइनस में जा रही है. यही नहीं प्रति व्यक्ति आय भी कम हुई है. मुख्यमंत्री ने टैक्स न लगाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री आश्वासन देंगे कि पूरे साल में कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा. उन्होंने आशंका जताई कि सरकार बजट पास होने के बाद पिछले दरवाजे से टैक्स लगाएगी. उन्होंने मांग की है कि सरकार बजट पास होने से पहले डीजल और पेट्रोल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को कम करने का प्रस्ताव सदन में लाए.
जयराम सरकार को बताया पुरुष विरोधी
आशा कुमारी ने बजट में महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा पेंशन की आयु को 65 वर्ष करने पर आशा कुमारी ने सवाल खड़े किए और कहा कि बेहतर होता कि यह सरकार पुरुषों को भी इसमें शामिल कर देती. इस आयु के बहुत कम लोग हैं. ऐसे में सभी को एक समान इस योजना का लाभ दिया जाना चाहिए था, लेकिन यह सरकार पुरुष विरोधी है और महिलाओं को ही इसमें शामिल किया गया है.