शिमलाः सरकारी स्कूलों में शिक्षा की क्वालिटी के मामले में हिमाचल प्रदेश देशभर में पहले स्थान पर है. यह बात एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (ASER) की 13वीं रिपोर्ट में सामने आई है. यह सर्वे एक गैर सरकारी संस्था प्रथम द्वारा 2005 से हर वर्ष ग्रामीण भारत में करवाया जाता है.
ये सर्वे देश में बच्चों का सबसे बड़ा वार्षिक घरेलू सर्वेक्षण है जो स्कूली शिक्षा और बुनियादी शिक्षा की स्थिति पर केंद्रित है. सर्वे के अनुसार हिमाचल के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार बच्चों की पाठ्यपुस्तकें पढ़ने और अंकगणित में ज्ञानवृद्धि के कारण हुआ है, और अगर हिमाचल में 14 से 16 उम्र तक की बात करें तो इस मामले में लड़कियां लड़कों को पिछे छोड़ रही हैं.
हिमाचल में ऐसी लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है जो पाठ्यपुस्तकों को आसानी से पढ़ लेती हैं और अंकगणित में भी ठीक हैं. साथ ही हिमाचल प्रदेश में 99.7 प्रतिशत स्कूलों में शौचालय सुविधा उपलब्ध है और 6 से 14 वर्ष तक 99.6 प्रतिशत बच्चों की स्कूलों में एनरोलमेंट है.
इस सर्वे में हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों से 348 गांवों में से 7,105 परिवारों के 9,811 बच्चों को शामिल किया गया था. सर्वे में 3 से 16 साल तक की उम्र के बच्चों का शामिल किया गया. जिनमें 3 से 5 वर्ष के 1,782 बच्चे, 6 से 14 वर्ष के 6,876 बच्चे और 1,153 बच्चे 15 से 16 उम्र के शामिल किए गए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले ऐसे बच्चों के संख्या में भारी वृद्धि हुई है जो दूसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तकें आसानी से पढ़ लेते हैं. पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले प्रदेश के करीब 74.5 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो दूसरी कक्षा की पाठ्यपुस्तकें आसानी से पढ़ लेते हैं.