शिमला:मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप के बाद आढ़तियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद आढ़तियों ने हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया. बैठक में वजन के हिसाब से सेब बेचने की अनिवार्यता खत्म करने का फैसला लिया गया. यह तय किया गया कि मंडियों में दो विकल्प सेब बेचने के लिए रहेंगे. एक विकल्प के तहत वजन के हिसाब से सेब बेचा जा सकेगा जबकि दूसरे के तहत पहले की तरह पेटियों के हिसाब के मंडियों में सेब बेचने की भी व्यवस्था होगी. हालांकि यह बागवानों पर निर्भर करेगा कि वे कौन से विकल्प अपनाते हैं.
मुख्यमंत्री के साथ देर शाम को आढ़तियों की बैठक हुई, जिसमें आढ़तियों ने सेब को किलो के हिसाब से बेचने की अनिवार्यता खत्म करने की मांग रखी. आढ़तियों का तर्क था कि उनके पास इतनी जगह नहीं है कि वे सेब को वजन के हिसाब से बेचें. इसी के चलते आढ़ती 2 दिन से हड़ताल कर रहे थे. इसके बाद आज सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ इन आढ़तियों की बैठक हुई, जिसमें सरकार ने वजन के हिसाब से सेब बेचने की अनिवार्यता खत्म कर दी है.
बागवान वजन के हिसाब से सेब बेचने की कर रहे मांग: प्रदेश में वजन के हिसाब से सेब बेचने की बागवान लंबे अरसे मांग कर रहे हैं. बागवान और किसान संगठन पिछले कई सालों से इसको लेकर आंदोलन भी कर रहे थे. राज्य में सत्ता में आई सुखविंदर सुक्खू की सरकार ने इस मांग को मानते हुए वजन के हिसाब से सीजन से सेब बेचने का फैसला लिया था, लेकिन आढ़ती सरकार के इस आदेश के मुताबिक सेब नहीं बेच रहे थे.