किन्नौर: एफआरए 2006 को जिला किन्नौर में लागू करने के लिए जिला वन अधिकार अधिनियम समिति किन्नौर ने डीसी किन्नौर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान एफआरए को लेकर लोगों व डीसी किन्नौर के बीच खूब तनातनी हुई. लोगों ने डीसी किन्नौर को देवता के समक्ष पेश करने की बात कही, जिस पर दोनों तरफ से बहसबाजी हो गई.
समिति का कहना है कि 5 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जिन 47 लोगों ने वन अधिकार अधिनियम के अनुसार जो दावे पेश किए थे उसे उपायुक्त किन्नौर द्वारा निरस्त किया गया था. साथ ही उन लोगों को वन भूमि से बेदखल करने लिए डीएफओ किन्नौर को जिलाधीश द्वारा आदेश किए गए थे. समिति ने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंप कर उसे तुरंत रोकने की मांग की है.
वन अधिकार अधिनियम संर्घष समिति किन्नौर के अध्यक्ष जीया लाल नेगी ने बताया कि आज पूरे देश में वन अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए कहीं रैलियां तो कहीं ज्ञापनों के माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 24 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में वन अधिकार अधिनियम को लागू करने के लिए सुनवाई होनी है.