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Apple Season 2023: बागवानों को सेब के मिल रहे अच्छे दाम, रॉयल 100 रुपये किलो तो 200 रुपये तक बिक रहा स्पर

हिमाचल में सेब सीजन के शुरू होते ही बागवानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं. सेब बेल्ट के निचले इलाकों से फसल तैयार होकर मंडियों में पहुंचने लगी है. हालांकि अभी कम मात्रा में ही सेब मंडियों में पहुंच रहा है, जिससे मंडियों में भी सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

good price for early variety apples In Shimla
बागवानों को सेब के मिल रहे अच्छे दाम

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Published : Jul 24, 2023, 9:40 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत हो चुकी है. सीजन शुरू होते ही बागवानों को इस बार सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं. सेब सीजन के शुरुआत में बेहतर किस्म का रॉयल 100 रुपये तक बिक रहा है. वहीं, स्पर किस्म का सेब 150 से 200 रुपये किलो तक भी मंडियों में बिक रहा है. अभी सेब प्रदेश के निचली बेल्ट में तैयार हुआ है और कम मात्रा में मंडियों में आ रहा है. यह भी एक वजह है कि बागवानों को सेब के अच्छे दाम मिल रही हैं.

दरअसल, प्रदेश में सबसे ज्यादा रॉयल किस्म के सेब की पैदावार होती है और यह सेब भी मंडियों में आने लगा है. शिमला जिला की सबसे बड़ी फल मंडी भट्टाकुफर में भी अब रॉयल किस्म का सेब पहुंचने लगा है. हालांकि रॉयल में कलर की कमी देखी जा रही है, जिससे इसके दाम बहुत ज्यादा नहीं है. मंडी में 60 रुपये तक नार्मल रॉयल बिक रहा है. हालांकि अच्छे कलर वाला रॉयल 100 रुपये किलो तक मंडियों में जा रहा है. इसी तरह गोल्डन 30 से 40 रुपये किलो तक मंडी में बिक रहा है. रेड गोल्डन सेब के भी अच्छे दाम मिल रहे हैं. यह सेब भी 40 से 80 रुपये तक का बिक रहा है, रेड गोल्डन में कलर अच्छा रहता है, इसलिए यह सेब रॉयल की बराबरी कर रहा है.

150 रुपये से 200 रुपये तक बिक रहा अच्छी क्वालिटी का स्पर: सबसे ज्यादा दाम स्पर किस्म के सेब के हैं. स्पर में कलर अच्छा रहता है और ऐसे में इसके दाम भी अच्छे मिल रहे हैं. हालांकि गाला किस्म के सेब के दाम 40 से 100 रुपये किलो इसके कलर के आधार पर मिल रहे हैं, लेकिन अन्य स्पर किस्म के सेब के दाम 150 रुपये किलो से अधिक है. बेहतर कलर का रेड वेलोक्स, सुपर चीफ, स्कारलेट स्पर जैसा स्पर सेब के दाम 200 रुपये किलो तक मंडी में मिल रहे हैं. हालांकि स्पर किस्म का सेब कम ही मंडियों में पहुंच रहा है और वैसे भी हिमाचल में स्पर की पैदावार कम है. बागवान अभी भी पारंपरिक सेब की किस्मों रॉयल पर निर्भर है. ऐसे में स्पर वैरायटी का सेब कम ही मंडियों में पहुंच रहा है.

भट्टाकुफर मंडी के आढ़ती कुलबीर लेटका कहते हैं कि रॉयल सेब निचले इलाकों से मंडियों में पहुंच रहा है. हालांकि अधिकतर रॉयल में कलर की कमी देखी जा रही है. इसके बावजूद बागवानों को इसके अच्छे दाम मिल रहे हैं. स्पर वैरायटी सेब की दाम मंडी में अच्छे हैं क्योंकि उनमें कलर बेहतर है. उनका कहना है कि आगे भी बागवानों को अबकी बार सेब के अच्छे दाम मिलने की संभावना है.

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