शिमला:आइजीएमसी में पहले कोरोना संक्रमित मरीज की मौत और इसके बाद मृतक की मां के कोरोना पॉजिटिव आने पर आईजीएमसी में दहशत का माहौल है. लोगों के मन में बैठै खौफ का अनुमान पर्ची कांउटर में खड़े गिने-चुने लोगों से ही लगाया जा सकता है.
अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों से आइजीएमसी प्रशासन ने डरने की बजाय एहतियात बरतने की अपील की है. ईटीवी से खास बातचीत में आईजीएसमी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा है कि हमें कोरोना के साथ रहना होगा. हम उसे खत्म नहीं कर सकते हैं. सभी लोगों को बस एहतियात बरतने की जरूरत है.
डॉ. गुप्ता ने कोरोना से बचने के साधारण से तरीकों को अपनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि सभी को अपने फेस को मास्क या फेस कवर से ढकना है, अपने हाथों को 20 सैकेंड तक साबुन से धोना है और सोशल डिस्टेंस बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि अस्प्ताल में किसी प्रकार का भय नही है.
डॉक्टर राहुल गुप्ता नेने बताया कि कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए अलग से वार्ड बना है और उन्हें सबसे अलग रखा जाता है. संक्रमित लोगों की निगरानी करने वाले स्टाफ को विशेष किट दी गई है.
अस्प्ताल में 3000 लोगों का स्टाफ है और स्टाफ ने कोरोना के मरीजो का इलाज भी किया है, लेकिन किसी को कोई बीमारीं नही हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना से डरकर घर मे कैद नहीं रह सकते. सभी को एहतियात बरतने की जरूरत है, डरने की नहीं.