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ट्विटर की मनमर्जी पर अनुराग ठाकुर का बड़ा बयान, कहा: कोई कानून से ऊपर नहीं

अनुराग ठाकुर ने ट्विटर पर बड़ा बयान दिया हैं. उन्होंने कहा कि देश के कानूनों के अनुसार ही सबको काम करना होता है और अगर सभी कंपनियां भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन करती हैं तो कोई एक कंपनी या एक संस्था देश के कानून से ऊपर नहीं है. अगर कुछ लोग देश के कानून से ज्यादा ऐसी कंपनियों को महत्वपूर्ण मानते हैं जो भारत के कानून का उलंघन करती हैं तो इसपर भी सोचना चाहिए.

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Published : Jun 16, 2021, 7:18 PM IST

शिमला: आईटी नियमों को फॉलो ना करने पर भारत सरकार और ट्विटर के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. शिमला में बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक में हिस्सा लेने के बाद अनुराग ठाकुर ने ट्विटर पर बड़ा बयान दिया है.

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. हमने किसी दूसरे देश की तरह इन कंपनियों को काम करने से नहीं रोका, लेकिन देश के कानूनों के अनुसार ही सबको काम करना होता है और अगर ये कंपनियां भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन नहीं करती हैं तो कोई एक कंपनी या एक संस्था देश के कानून से ऊपर नहीं है. अगर कुछ लोग देश के कानून से ज्यादा ऐसी कंपनियों को महत्वपूर्ण मानते हैं जो भारत के कानून का उलंघन करती हैं तो इसपर भी सोचना चाहिए.

दरअसल हाल ही में ट्विटर से जुड़े गाजियाबाद मामले के तूल पकड़ने के साथ ही केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के साथ-साथ केंद्रीय कानून मंत्री ने ट्विटर को आड़े हाथों लिया है. रविशंकर प्रसाद ने सख्त रुख अपनाते हुए ट्वीट में कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कानून से बचा नहीं जा सकता है.

ट्विटर का सुरक्षा का अधिकार समाप्त

आपको बता दें कि नए आईटी नियमों को ना मानने पर ट्विटर का सुरक्षा का अधिकार समाप्त हो गया है. ये कानूनी संरक्षण आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत मिला हुआ था. ये धारा ट्विटर को किसी भी कानूनी कार्रवाई, मानहानि या जुर्माने से छूट देता था. कानूनी संरक्षण के खत्म होते ही ट्विटर पर किसी यूजर की ओर से कोई गलत पोस्ट की जाती है तो उस संबंध में भारत में कंपनी के प्रबंध निदेशक समेत शीर्ष अधिकारियों से अब पुलिस पूछताछ कर सकेगी.

वीडियो.

धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप

कानूनी संरक्षण अब खत्म ही ट्विटर के खिलाफ पहला मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में दर्ज किया गया है. ट्विटर के खिलाफ ये केस बुजुर्ग से मारपीट के बाद फर्जी वीडियो के वायरल होने के बाद दर्ज किया गया है. पुलिस ने इस मामले में ट्विटर के अलावा नौ लोगों पर भी केस दर्ज किया है. ट्विटर पर फर्जी वीडियो के जरिए धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगा है.

मामला दर्ज होते ही केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा अनुराग ठाकुर ने भी ट्विटर पर निशाना साधा. अनुराग ने लगातार कई पोस्ट्स किए, जिनमें उन्होंने कहा था कि अगर किसी विदेशी संस्था को लगता है कि वह खुद को भारत में अभिव्यक्ति की आजादी का झंडाबरदार बनकर कानून की पालना से खुद को बचा लेगी तो ऐसी कोशिशें बेकार हैं.

सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि सच यह है कि 26 मई से प्रभाव में आई आईटी गाइडलाइंस की अनुपालन में ट्विटर असफल रहा है. ट्विटर को कई मौके दिए गए, लेकिन उसने नए कानून का पालन नहीं किया. उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में जो हुआ उसके बाद ट्विटर की ओर से कोई एक्शन नहीं लेने से उन्हें हैरानी है. इससे पता चलता है कि फेक न्यूज से उसकी लड़ाई में अस्थिरता है.

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