शिमला: शिक्षा के क्षेत्र में दो बार पुरस्कार हासिल करने वाले राज्य में प्राथमिक शिक्षा का स्तर ही ऊपर नहीं उठ पाया है. स्कूलों में जहां बच्चों को गिनती का ज्ञान नहीं है वहीं अंग्रेजी में भी बच्चों की स्थिति अच्छी नहीं है. इस बात का खुलासा एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट 2019 में हुआ है.
यह रिपोर्ट प्राथमिक शिक्षा के लिए कार्य कर रही संस्था प्रथम की ओर से जारी की गई है. इस रिपोर्ट को एक सर्वे के आधार पर तैयार किया गया है और यह सर्वे कांगड़ा के 60 गांव में 1334 बच्चों पर किया गया है. इस रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है कि प्रदेश के सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 4 से 8 साल के बच्चे गिनती के अंकों की पहचान ही नहीं कर पा रहे हैं.
सर्वे के आधार पर जहां बच्चों की शैक्षणिक क्षमता को जाना गया है. तो वहीं छात्रों की मेंटल हेल्थ को लेकर भी सर्वे किया गया है सर्वे के दौरान छात्रों को गिनती की कितनी समझ है और कहां तक छात्र अंको को पहचानते हैं और उसके साथ ही अंग्रेजी के शब्दों को पहचानने में कितने सक्षम है इस बात को जाना गया है.
जिससे यह पता चला है कि कांगड़ा में पहली कक्षा में पढ़ने वाले 8.2 फीसदी बच्चे गिनती के 1 से 9 अंकों तक के पहचान नहीं कर पा रहे हैं. 8.5 फीसदी बच्चे एक से नौ तक के अंक पहचानते है. यहां तक कि दूसरी कक्षा के 10.5 ओर तीसरी के 11.5 फीसदी बच्चों के भी यही हाल है कि यह बच्चे भी 10 से 99 तक के अंकों की पहचान नहीं कर पा रहे हैं.