रामपुर: वैश्विक महामारी कोरोना की निराशा के बीच दलाश के साथ लगते गंच्छवा गांव की अनीता योग से लोगों के बीच आशा जगा रहीं है. कोरोना बीमारी जहां लोगों को मानसिक तनाव दे रही है वहीं, अनीता सुबह-सुबह योग की क्लास लगाकर गांव की महिलाओं और बच्चों को सकारात्मक सोच की ओर ले जाने के लिए प्रयासरत हैं.
अनीता की योग क्लास गर्मियों में सुबह साढ़े 4 बजे शुरु हो जाती है. गांव की 15 से 20 महिलाएं और बच्चे अनीता की योग क्लास को पूरे समपर्ण के साथ ज्वाइन करते हैं और ये सिलसिला करीब 4 साल से लगातार जारी है. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बाद योग क्लास जारी रखने की चुनौती अनीता के सामने थी, लेकिन उन्होंने महिलाओं और बच्चों को इसके लिए प्रेरित किया और लॉकडाउन में योग क्रियाओं को जारी रखा.
इतना ही नहीं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को फॉलो करते हुए अनीता ने योग सीखाना और लोगों को तनाव से दूर रखने के लिए प्रयास किया, जिसमें वह सफल हुईं. आजकल भी अनीता की योग क्लास सुबह 4.30 या 5 बजे शुरु हो जाती है. अनीता घर के साथ लगते आंगनबाड़ी सेंटर के प्रांगण में योग क्लास लगाती हैं. इसके चलते कई बार बारिश आदि होने के कारण योग क्लास में खलल पड़ जाता है.
इन दिनों हो रही लगातार बारिश से भी योग क्लास में ऐसा ही व्यवधान देखने को मिला, लेकिन अनीता का योग के प्रति इतना लगाव है कि उन्होंने घर के खाली कमरे में योग क्लास लगाना शुरु कर दी. इस तरह बारिश भी योग क्लास को नहीं रोक पाई. वहीं, योग क्लास में आने वाले लोग भी अब योग के बिना दिन की शुरुआत अच्छी नहीं मानते, वो भी योगाभ्यास के आदी हो चुके हैं. अनीता के योग के प्रति समर्पण और लगाव के कारण उनकी क्षेत्र में प्रशंसा भी हो रही है. अनीता स्वंय करीब 10 साल से योग कर रही हैं. करीब 4 साल पहले उन्होंने सोचा कि क्यों न योग के लाभ गांव के अन्य लोगों तक पहुंचाए जाएं.