शिमला: हाईकोर्ट की सख्ती के बाद राज्य सरकार की नींद टूटी है. प्रदेश सरकार ने अदालत के आदेश की अनुपालना करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायकों के पद भरने के लिए नीति में आवश्यक संशोधन कर दिया है. इस बारे में हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव को सभी संबंधित अधिकारियों से मीटिंग करने और नई पॉलिसी तैयार करने की संभावना तलाश करने के आदेश दिए थे.
अदालत ने आदेश दिए थे कि नई पॉलिसी प्रैक्टिकल व तर्कपूर्ण होनी चाहिए. अब नई पॉलिसी के अनुसार अपील दायर करने के लिए 30 दिनों का समय रखा गया है. इसी तरह अपील का निपटारा करने के लिए 60 दिनों का समय तय किया गया है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और हेल्पर की पात्रता के लिए वार्षिक आय 15 हजार रुपए से बढ़ाकर 35 हजार रुपए रखी गई है.
इससे पहले लागू पॉलिसी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता या हेल्पर की नियुक्ति को चुनौती सिर्फ 15 दिनों के भीतर ही दी जा सकती थी. यही नहीं अपील को निपटाने के लिए भी 15 दिनों का ही समय दिया गया था. यह व्यवहारिक और तर्कपूर्ण नहीं था.