शिमला:कोरोना वायरस को लेकर शनिवार को सीएम की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक का आयोजन हुआ. इस दौरान सीएम ने सभी पार्टियों के नाताओं से राज्य सरकार का पूर्ण सहयोग करने का आग्रह किया. सीएम ने कहा कि प्रदेश में जरूरी वस्तुओं की जमाखोरी और मुनाफाखोरी को सख्ती से निपटा जाएगा.
सीएम ने कहा कि सरकार ने विभिन्न सार्वजनिक उपयोगिता बिलों जैसे बिजली, पानी आदि के भुगतान की तिथि को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के स्थगित करने का निर्णय लिया है. राज्य सरकार उन संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी जो पृथक्करण से बचते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्य में पांच निर्माताओं से अधिक तादाद में सेनिटाइजर बनाने के लिए कहा है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि सभी अध्यापकों को 31 मार्च, 2020 तक स्कूल न आने की छूट दी गई है. केवल आपात स्थिति में संबंधित उपायुक्त अध्यापकों की सेवाएं ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जरूरी वस्तुओं का पर्याप्त भंडारण है. डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मचारियों और स्वच्छता कर्मचारियों को पर्याप्त स्वच्छता किट्स उपलब्ध करवाई जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कोरोना वायरस के खतरे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए 14 मार्च, 2020 को हिमाचल प्रदेश महामारी (कोविड-19) नियम एवं विनियमों-2020 अधिसूचित करने वाला देश का पहला राज्य है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस बीमारी ने विश्व के अधिकतर विकसित देशों में महामारी का रूप ले लिया है. अमेरिका जैसी महाशक्तियों में भी कोविड-19 के 14 हजार मामले सामने आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला में सामने आए दो मामले चिंता का विषय है. इन दोनों मरीजों के सैंपल आगे की जांच और सत्यापन के लिए दोबारा भेजा गया है. राज्य को इस खतरे को फैलने से रोकने के लिए अधिक सतर्क और तैयार रहना होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 31 मार्च, 2020 तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्णय लिया है. इसके अतिरिक्त राज्य में सभी मुख्य मंदिरों को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार ने प्रदेश में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है. होटल एसोसिएशन ने भी इस मामले में सरकार को अपना पूर्ण सहयोग दिया है. राज्य में धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों और लोगों की भीड़ जमा होने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया है.
जयराम ठाकुर ने कहा कि मास्क और सेनिटाइजर के मूल्यों को निर्धारित किया गया है और इन आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी को सख्ती से निपटा जाएगा. लोगों को जागरूक करने के लिए सूचना, संपर्क व संप्रेषण पर विशेष बल दिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि लोगों में घबराहट न फैले. राज्य में मुख्य कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति को कम करने के लिए एक प्रणाली विकसित की जाएगी ताकि इन कार्यालयों में भीड़-भाड़ से बचा जा सके.