शिमलाःप्रदेश में दुर्गम क्षेत्रों में वनों की आग बुझाना एक चुनौती होता है. इसका एक बड़ा कारण समय पर अग्निशमन की गाड़ियों का न पहुंच पाना है. अग्निशमन गाड़ियों के समय पर न पहुंचने से अमूल्य वन संपदा नष्ट हो जाती है.
सहारनपुर के सरसावा स्टेशन से आएगा हेलीकॉप्टर
अब हिमाचल के दुर्गम क्षेत्रों में वनों की आग बुझाने के लिए अब हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी. आग बुझाने के लिए उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के सरसावा स्टेशन से वायुसेना का हेलीकॉप्टर आएगा. इस संबंध में वन विभाग के प्रस्ताव पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने मुहर लगा दी है. भीषण आग लगने की सूरत में इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल ऐसी जगह होगा, जहां फायर बिग्रेड की सेवाएं संभव नहीं हैं.
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वायुसेना के हेलीकॉप्टर से ली जाएगी मदद
पिछले साल मौसम मेहरबान रहने से आग की घटनाएं कम घटित हुई थीं. इस कारण हेलीकॉप्टर से पानी पहुंचाने की आवश्यकता नहीं पड़ी. दो दिन पहले ही सोलन के पर्यटक स्थल कसौली क्षेत्र में वनों में आग लग गई थी. सेना की संपत्ति भी इसके साथ थी. वहां वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से आग पर काबू पा लिया गया था.
आग के लिहाज से चीड़ के पेड़ सबसे संवेदनशील होते हैं. इसकी पत्तियां आग को आसानी से पकड़ती हैं. राज्य में चीड़ के जंगलों का क्षेत्रफल 1258.85 वर्ग किलोमीटर है. यह कुल वन क्षेत्र का लगभग 3.4 फीसदी है. 43 में से चीड़ प्रजाति के पेड़ 26 वन मंडलों में पाए जाते हैं. ये अपने नीचे घास भी नहीं उगने देता है. किसान ऐसे पेड़ों से काफी परेशान हैं. इनका फैलाव लगातार बढ़ रहा है. किसानों की मानें तो इसकी जगह चौड़ी पत्ती वाले पौधे रोपे जाने चाहिए.
भीषण आग बुझाने में मिलेगी मदद
पीसीसीएफ मैनेजमेंट राजीव कुमार का कहना है इस बार सर्दी में कम बारिश हुई. जलवायु बदलाव, सूखे जैसे हालत बनने से तापमान में बढ़ोत्तरी होने के आग की घटनाएं ज्यादा हो सकती हैं. सहारनपुर के सरसावा स्टेशन से वायुसेना का हेलीकॉप्टर आएगा. इसकी मदद से भीषण आग को बुझाया जाएगा.
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