शिमला: कोरोना संकट के समय स्कूल कॉलेज बंद थे. ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई खराब न हो सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई का फॉर्मूला निकाला था. इस दौरान बच्चे ऑनलाइन ही पढ़ाई करते थे, लेकिन अब जब स्कूल खुल चुके हैं, तब बच्चे मोबाइल के आदि होते जा रहे हैं. इसके दुष्परिणाम भी सामने आने लगे हैं.
मोबाइल ज्यादा इस्तेमाल करने से बच्चों पर बुरा प्रभाव
आईजीएमसी में मनोचिकित्सका विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. देवेश शर्मा ने इसका खुलासा किया. ईटीवी से बातचीत के दौरान डॉ. देवेश शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन क्लासिज के बाद बच्चे मोबाइल में वीडियो गेम भी डॉउनलोड करते हैं जिससे वे अधिक समय तक मोबाइल इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में कई छात्रों की आंखों पर बुरा असर पड़ा है. यही नहीं कई छात्र मोबाइल के आदि हो गए हैं.
डॉक्टर की बच्चों के परिजनों को सलाह
बच्चे अधिक समय तक मोबाइल के प्रयोग करने से बाहर की खेल गतिविधियों से वंचित होते जा रहे हैं. डॉ. देवेश ने बताया कि उनके पास ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें जब परिजन अस्पताल आए तो उन्होंने कहा कि उनका बच्चा पूरा दिन मोबाइल फोन लेकर ही बैठा रहता है. आधे से ज्यादा समय वो फोन के साथ ही व्यस्त रहता है. ऐसे में उन्होंने बच्चों के परिजनों को सलाह दी है कि बच्चों पर निगरानी रखें और अनावश्यक मोबाइल बच्चों को ना दें. उनका कहना था कि ऐसे बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए और मोबाइल का अधिक प्रयोग नहीं करने देना चाहिए.
ये भी पढ़ें:कांग्रेस को नगर निगम और विधानसभा चुनावों में मिलेगा उपयुक्त जवाब: अविनाश राय खन्ना
ये भी पढ़ें:हिम-आंचल पेंशनर्ज संघ की बैठक संपन्न, विभन्न मांगों को लेकर हुई चर्चा