शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कैंपस में पिंक पेटल पर छात्रों की लाशें बिछ गईं. यह लाशें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से धरना प्रदर्शन के दौरान छात्रों को जमीन पर लेटा कर उनके ऊपर सफेद कपड़ा ढका कर दर्शायी गई. हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की ओर से यूजी के छात्र-छात्राओं के अधूरे परिणाम निष्कासित किए गए एबीवीपी के 10 कार्यकर्ताओं के निष्कासन वापिस लेने की मांग के समर्थन में विश्विद्यालय के पिंक पटेल चौक पर विद्यार्थियों के भविष्य को लाश दिखाकर प्रदर्शन किया.
एबीवीपी इकाई सचिव अंकित चंदेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कल हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में पीजी की प्रवेश परीक्षाओं की मेरिट लिस्ट तो लगा दी है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक बार भी नहीं सोचा की क्या सभी प्रवेश परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के यूजी के परिणाम घोषित हो चुके हैं या नहीं. कई विद्यार्थियों के आधे-अधूरे परिणामों के साथ ही पीजी में प्रवेश की मेरिट लिस्ट लगा दी गई है जो की प्रशाशन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है.
एबीवीपी इकाई सचिव अंकित चंदेल ऐसे में जब छात्र छात्रहित की मांग को लेकर प्रदर्शन करते है तो उन्हें प्रदर्शन करने से रोका जाता है. उनको एचपीयू से निष्कासित किया जाता है. एचपीयू प्रशासन छात्रों की समस्याओं का तो समाधान नहीं कर रहा है, लेकिन जो छात्र समाधान की मांग कर रहे हैं उनके प्रति भी एचपीयू कुलपति का रवैया तानाशाही वाला है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद अपने इस प्रदर्शन के जरिए विश्विद्यालय प्रशासन को यह मांग है कि जल्द से जल्द आधे अधूरे पड़े रिजल्ट्स को घोषित किया जाए साथ ही 10 छात्रों का निष्कासन को वापस लिया जाए और जिन विद्यार्थियों के परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुए हैं और उनका नाम हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा में आ गया है उन छात्र-छात्राओं के भी परिणामों को घोषित किया जाए.
एबीवीपी ने प्रशासन को चेताया है कि अगर हमारी मांगो को नहीं माना जाता है तो आने वाली 22 जुलाई को विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर विद्यार्थी परिषद अपनी पूरी ताकत और प्रदेश भर से छात्र शक्ति के साथ प्रशासन का विरोध करेगी और अतिथियों के सामने एचपीयू प्रशासन का काला चेहरा सामने रखेगी.