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आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर हिमाचल के 7500 गांवों में तिरंगा फहराएगी ABVP

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश के आजादी की 75 वीं वर्षगांठ में प्रदेश भर में बड़े कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश के 7500 गांव में राष्ट्रध्वज फहराया जाएगा. 15 अगस्त के दिन सुबह 10 बजे राष्ट्रध्वज कराने के साथ राष्ट्रगान कर भारत मां के जयघोष के साथ कार्यक्रम का आयोजन होगा.

independence in 7500 villages of Himachal
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Published : Jul 16, 2021, 2:33 PM IST

शिमलाः देश इस साल आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है. जहां एक ओर सरकार की ओर से वर्षगांठ को यादगार बनाने की कोशिश की जा रही है, तो वहीं छात्र संगठन भी इस कार्य में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद देश के आजादी की 75 वीं वर्षगांठ में प्रदेश भर में बड़े कार्यक्रम का आयोजन करने जा रहा है.

इस कार्यक्रम के तहत हिमाचल प्रदेश के 7500 गांव में राष्ट्रध्वज फहराया जाएगा. 15 अगस्त के दिन सुबह 10 बजे राष्ट्रध्वज कराने के साथ राष्ट्रगान कर भारत मां के जयघोष के साथ कार्यक्रम का आयोजन होगा. इसमें अन्य लोगों को भी शामिल करने की योजना है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसके लिए प्रदेश भर में संयजकों की भी नियुक्ति कर दी है.

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एबीवीपी हिमाचल प्रदेश के प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए असंख्य वीरों ने स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष किया. इसी के परिणाम स्वरूप देश को की आजादी का सपना साकार हुआ. इन सब बलिदानों को याद करते हुए आजादी के 75 वर्षों का एहसास देश के लिए ऐतिहासिक पर है. विशाल वर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में असंख्य वीरों ने संघर्ष किया और अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन आज उनका जिक्र में इतिहास के पन्नों में दिखाई नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का भी विशेष योगदान रहा है. चूंकि गुलामी की कालखंड में हिमाचल प्रदेश में भी अंग्रेजों की कई साल में विद्यमान थी.

ऐसे में हिमाचल प्रदेश के असंख्य वीरों ने स्वाधीनता आंदोलन में अपना योगदान दिया. भारत के स्वतंत्रता में सूबेदार भीम सिंह, दरोगा बुद्धि सिंह, रामप्रसाद बैरागी, मान दास, सूरत राम, सरदूल, केशवराम जैसे असंख्य नाम सामने आते हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई, लेकिन आज इतिहास के पन्नों में इनका कोई जिक्र नहीं है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इन स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने और विद्यार्थियों को इसके बारे में पढ़ाने की जरूरत पर विशेष ध्यान देने की बात कही है.

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